प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) गुरुवार को सीजीडी (शहरी गैस वितरण) परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे। यह योजना 129 जिलों को कवर करेंगी। इससे भारत के 35 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में बसी 50 फीसदी आबादी को पीएनजी और सीएनजी के रूप में स्वच्छ ईंधन मिलेगा। मंत्रालय ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 22 नवंबर, 2018 को शाम चार बजे आयोजित किया जाएगा। इससे भारत के 35 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में बसी लगभग 50 फीसदी आबादी को पीएनजी और सीएनजी के तौर पर ईंधन मिलेगा। भारत के 19 राज्यों में फैले भौगोलिक क्षेत्रों में से प्रत्येक क्षेत्र में अधिकृत निकाय भी स्थानीय तौर पर अपने-अपने कार्यक्रम आयोजित करेंगे। यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा दी गई है। प्रधानमंत्री आज शाम चार बजे विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 14 राज्यों के 124 जिलों में फैले 50 भौगोलिक क्षेत्रों में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) से जुड़ी बोलियों के 10वें दौर का भी शुभारंभ करेंगे। भारत सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर होने के लिए देश भर में ईंधन/कच्चे माल के रूप में पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ईंधन अर्थात प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दे रही है।
मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञिक्ति अनुसार, इनके ठेके हाल ही में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) द्वारा दिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप नौंवें दौर तक 26 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाली देश की लगभग आधी आबादी को सहज ढंग से पर्यावरण अनुकूल एवं सस्ती प्राकृतिक गैस उपलब्ध होने लगेगी।
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल) के प्रवक्ता ने बताया कि 10वें चरण में देश के 50 जगहों में गैस वितरण व्यवस्था के लिए बोली का आज शुभारंभ होगा। इन 50 जगहों में देवघर, शेखपुरा एवं जमुई को भी शामिल किया गया है। बोली की प्रक्रिया पूरी होते ही फरवरी के प्रथम सप्ताह के आसपास इन सभी शहरों में घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग के लिए गैस की आपूर्ति प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड और बिहार के इन खनन क्षेत्र वाले जिलों में गैस की आपूर्ति से प्राकृतिक गैस आधारित स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद मिलेगी। प्रवक्ता ने बताया कि घरेलू, वाणिज्य तथा परिवहन क्षेत्रों को शहर गैस आपूर्ति में शामिल किया जाएगा। इससे व्यापक रूप से जन सामान्य को विभिन्न कार्यों में प्रयोग के लिए स्वच्छ और किफायती ईंधन मिलेगा जो उपयोग में भी सुविधाजनक होगा।
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस तरह पूरे देश के 65 विभिन्न स्थानों पर रहने वाले लोगों को एक साथ ही अपने-अपने अधिकृत क्षेत्रों में सीजीडी परियोजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़ी योजना के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। अधिकृत निकायों ने स्थानीय कार्यक्रमों में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों जैसे कि मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, संबंधित राज्य सरकारों के मंत्रियों, स्थानीय सांसदों और विधायकों के अलावा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, अन्य जाने-माने लोगों और आम जनता को भी आमंत्रित करने की योजना बनाई है।
मंत्रालय ने कहा कि पर्यावरण हितैषी गैस आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने योजना के तहत सीजीडी नेटवर्क का प्रसार किया जा रहा है, ताकि देश के नागरिकों के लिए स्वच्छ रसोई ईंधन यानी पाइप से आपूर्ति की जाने वाली प्राकृतिक (PNG) और स्वच्छ परिवहन ईंधन यानी संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। सीजीडी नेटवर्क के विस्तार से औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयां (यूनिट) भी लाभान्वित होंगी, क्योंकि इसके तहत प्राकृतिक गैस की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस परियोजना के तहत अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 96 शहरों व जिलों को शामिल किया गया। जहां मौजूदा सीजीडी नेटवर्कों के जरिए लगभग 46.5 लाख परिवारों और 32 लाख सीएनजी चालित वाहनों को गैस मुहैया करवाई जा रही है।
पीएनजीआरबी ने 22 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों को कवर करने वाले 86 भौगोलिक क्षेत्रों के लिए अप्रैल, 2018 में सीजीडी से जुड़ी बोलियों का नौवां चरण शुरू किया, जिसमें प्राप्त बोलियों की प्रोसेसिंग के बाद सफल बोलीदाताओं को संबंधित अधिकार पत्र जारी किए गए हैं, ताकि वे मौजूदा 84 भौगोलिक क्षेत्रों के लिए सीजीडी नेटवर्क का विकास कर सकें। मंत्रालय ने कहा कि देशभर में अगले 8 वर्षों में लगभग दो करोड़ पीएनजी (घरेलू) कनेक्शन और 4,600 सीएनजी केंद्र स्थापित होने की उम्मीद है।