गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्‍यास कर बोले PM मोदी- पहले बेटियों का स्कूल-कॉलेज जाना मुश्किल था, दंगे होते थे, अब हालात बदल गए हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूपी शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में आज शनिवार को गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास किया। इस अवसर पर पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि शाहजहांपुर की धरती से वीरता की धारा बही है। कल ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रौशन सिंह का बलिदान दिवस है। अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने वाले शाहजहांपुर के इन तीनों सपूतों को 19 दिसंबर को फांसी दी गई थी। भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले ऐसे वीरों का हम पर बहुत बड़ा कर्ज है। ऐसे ही गंगा एक्‍सप्रेसवे भी उन्‍नति के द्वार खोलेगी। हमारा शुरुआत से ही सबका साथ और सबका विकास का मंत्र रहा है।

पीएम मोदी ने कहा इतने बड़े यूपी को चलाने के लिए जिस दमखम और दमदारी की जरूरत है। उसे ये डबल इंजन सरकार पूरी कर रही है। गंगा एक्सप्रेस वे यूपी के प्रगति के द्वार खोलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि मां गंगा सारे मंगलों की, सारी उन्नति प्रगति की स्रोत हैं। मां गंगा सारे सुख देती हैं, और सारी पीड़ा हर लेती हैं। ऐसे ही गंगा एक्सप्रेसवे भी यूपी की प्रगति के नए द्वार खोलेगा। साथ ही देश की अर्थव्‍यवस्‍था को आगे ले जाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ये जो आज यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, जो नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं, नए रेलवे रूट बन रहे हैं, वो यूपी के लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं।

पहला वरदान- लोगों के समय की बचत।
दूसरा वरदान- लोगों की सहूलियत में बढोतरी, सुविधा में बढोतरी।
तीसरा वरदान- यूपी के संसाधनों का सही उपयोग।
चौथा वरदान- यूपी के सामर्थ्य में वृद्धि।
पांचवां वरदान- यूपी में चौतरफा समृद्धि।

मोदी ने कहा कि पहले बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे, उनका स्कूल कॉलेज जाना तक मुश्किल कर दिया था। कब कहां दंगा और आगजनी हो जाये कोई नहीं कह सकता था। लेकिन बीते साढ़े 4 साल में योगी जी की सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बहुत परिश्रम किया है। हालात बदल गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि यहां शाहजहांपुर में भी 50 हजार लोगों को पीएम आवास योजना के तहत पक्के घर मिले हैं, उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा हुआ है। जिन लोगों को अभी पक्के घर नहीं मिले हैं, उनके घर जल्दी से जल्दी मिलें, उसके लिए मोदी और योगी दिन रात काम करते हैं और करते रहेंगे। हाल ही में हमारी सरकार ने गरीबों के पक्के घर बनाने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। ये खजाना आपका है, आपके लिए है, आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए है।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार आज गरीब का दर्द समझने वाली, गरीब के लिए काम करने वाली सरकार बनी है। पहली बार घर, सड़क, शौचालय, बिजली, पानी, गैस कनेक्शन ऐसी बुनियादी सुविधाओं को इतनी प्राथमिकता दी जा रही है। विकास के ऐसे ही कामों से गरीब, पिछड़ों का जीवन बदलता है। जो भी समाज में पीछे है, पिछड़ा हुआ है, उसे सशक्त करना, विकास का लाभ उस तक पहुंचाना, हमारी सरकार की प्राथमिकता है। यही भावना हमारी कृषि नीति में, किसानों से जुड़ी नीति में भी दिखती है। बीते सालों में बीज से बाजार तक की जो भी व्यवस्था हमने बनाई है, इसमें देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम भूमि है।

गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है। ये एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इससे राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार की नई राह खुलेगी। वहीं, इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह गंगा एक्सप्रेस वे देश के सबसे ऊपजाऊ क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इसका लाभ NCR, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलने वाला है। बता दें कि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, इसलिए इन इलाकों के किसानों, उद्यमियों और आम लोगों को काफी फायदा होगा।

गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजरेगा। फिलहाल हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा। वहीं, शाहजहांपुर के आगे यह एक्सप्रेसवे हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज तक जाएगा। एक्सप्रेसवे के लिए अब 94% जमीन खरीदी प्रक्रिया की जा चुकी है।

गंगा एक्सप्रेस वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में 3.5 किमी की एक हवाई पट्टी भी बनेगी। इस एक्सप्रेसवे साथ औद्योगिक कॉरीडोर भी बनेगा। गंगा एक्सप्रेस वे के लिए जब भूमि खरीदी जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर चल रहा था। इसके बावजूद महज 1 साल में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि खरीदी गई है।