लाहौल स्पीति के लिए आज का दिन उत्सव से कम नहीं है। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण 'अटल टनल' का आज उद्घाटन होने जा रहा है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू जिले में मनाली-लेह मार्ग पर 9.02 किलोमीटर लंबी अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) का शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे। पीरपंजाल की पहाड़ी को भेद कर 3200 करोड़ की लागत से बनी यह टनल दुनिया की सबसे ऊंचाई (10040 फीट) पर हाईवे पर बनी है। रोहतांग में स्थित 9.02 किलोमीटर लंबी ये टनल मनाली को लाहौल स्फीति से जोड़ती है। इस टनल की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी सालों भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे। इससे पहले बर्फबारी की वजह से लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी।
क्या है पीएम का शेडूयूलपीएम मोदी विशेष विमान से चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। इसके बाद वो रोहतांग जाएंगे। पीएम मोदी एमआई-17 हेलिकॉप्टर से सुबह 9:10 बजे मनाली के सासे हेलीपेड पहुंचेगे। इसके बाद मोदी सड़क मार्ग से सासे गेस्ट हाउस जाएंगे। सुबह 9:35 पर साउथ पोर्टल रवाना होंगे और 10 से 11:45 बजे तक उद्घाटन समारोह चलेगा। इसके बाद 11:50 बजे पीएम टनल से होकर नॉर्थ पोर्टल पहुंचेंगे। दोपहर 12 से 12:45 तक सिस्सू में जनसभा करेंगे, जबकि 12:50 पर वापस टनल होकर सोलंगनाला पहुंचेंगे और भाजपा नेताओं को संबोधित करेंगे। दोपहर बाद 2:05 बजे सासे हेलीपैड रवाना होंगे और 2:20 पर चंडीगढ़ रवाना होंगे। चंडीगढ़ से 3:40 पर वह हवाई जहाज से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे और शाम 4:30 बजे दिल्ली पहुंचेंगे।
सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम टनल में हर 150 मीटर की दूरी पर टेलीफोन सुविधा होगी। 60 मीटर पर हाइड्रेंट, हर 500 मीटर पर आपातकालीन निकास, प्रत्येक 2.2 किमी में वाहन मोड़ सकेंगे। हर 1 किमी में हवा की गुणवत्ता चेक होगी। हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए हर 1 किलोमीटर पर मशीन लगी हुई हैं।
बता दें कि 'अटल टनल' का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक की मदद से पीर पंजाल की पहाड़ियों में किया गया है। ये समुद्र तट से 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 'अटल टनल' के बन जाने की वजह से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है और दोनों स्थानों के बीच सफर में लगने वाले समय में 4 से 5 घंटे की कमी आएगी।
घोड़े के नाल जैसा है आकार'अटल टनल' का आकार घोड़े की नाल जैसा है। इसका दक्षिणी किनारा मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि उत्तरी किनारा लाहौल घाटी में तेलिंग और सिस्सू गांव के नजदीक समुद्र तल से 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 10.5 मीटर चौड़ी इस सुरंग पर 3.6 x 2.25 मीटर का फायरप्रूफ आपातकालीन निकास द्वार बना हुआ है। 'अटल टनल' से रोजाना 3000 कारें, और 1500 ट्रक 80 किलोमीटर की स्पीड से निकल सकेंगे।
गौरतलब है कि रोहतांग दर्रे के नीचे इसको बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था। इसकी आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी।