पीएम मोदी बोले - बच्चों की कोरोना वैक्सीन आ जाने के बाद टीकाकरण में आएगी तेजी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के बच्चों पर असर को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि बच्चों के लिए दो वैक्सीन का परीक्षण देश में चल रहा है। इसके अलावा देश में एक नेजल वैक्सीन पर रिसर्ज जारी है। इसे सीरींज से न देकर नाक में स्प्रे किया जाएगा। देश को अगर निकट भविष्य में इसमें सफलता मिलती है, तो इससे देश की वैक्सीन वाली स्थिति में और तेजी आएगी।

उन्होंने आगे कहा, ' देश में 7 कंपनियां अलग-अलग वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रही हैं, तीन और वैक्सीन का एडवांस ट्रायल चल रहा है, दूसरे देशों से भी इस प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास किया गया है।'

पीएम मोदी ने ऐसे सभी परिवारों से संवेदना जताई, जिन्होंने अपने परिजनों और परिचितों को खोया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है और इस लड़ाई के दौरान भारत बड़ी पीड़ा से गुजरा है। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को बीते 100 वर्षों में आई सबसे बड़ी महामारी बताया और कहा, 'इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने ना देखी थी और ना अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।'

वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने कहा

पीएम मोदी ने कहा, 'पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था। 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते। हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को शुरू किया।' हमने 5-7 साल में ही वैक्सीनेशन कवरेज 60% से बढ़ाकर 90% तक पहुंचा दिया। हमने वैक्सीनेशन की स्पीड और दायरा दोनों बढ़ा दिया। बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को अभियान का हिस्सा बनाया। हमें हमारे देश के बच्चों की चिंता थी, गरीब की चिंता थी, गरीब के बच्चों की चिंता थी, जिन्हें कभी टीका लग ही नहीं पाया।

जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं। हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं, बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दीं। हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।