प्रधानमंत्री का लद्दाख दौरा / लेह में गरजे PM मोदी, चीन को दिए ये 5 मैसेज; बौखलाहट में चीन ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार सुबह 9:30 बजे अचानक लेह पहुंच गए। पीएम मोदी का ये दौरा अचानक था, जिससे हर कोई चौंक गया। पीएम मोदी के साथ इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत भी मौजूद रहे। पीएम मोदी लद्दाख में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद फॉरवर्ड लोकेशन नीमू पर पहुंचे। उनका यह दौरा गलवान घाटी में चीन से हुई हिंसक झड़प के 18 दिन बाद हुआ। पीएम मोदी ने सेना, वायुसेना के अफसरों से सीधे संवाद भी किया। पहले इस दौरे पर सिर्फ CDS बिपिन रावत को ही आना था, लेकिन PM मोदी ने खुद पहुंचकर सभी को चौंका दिया। लेह के वॉर मेमोरियल हॉल ऑफ फेम पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने सेना के अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात की। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैनिकों के पराक्रम की सराहना की। इस संबोधन के जरिए उन्होंने चीन को 5 मैसेज दिए...

- भारत के जवानों का साहस दुनिया में किसी से कम नहीं

मोदी ने कहा, 'जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज कदमों से नापते हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जैसी अटल है।'

मोदी ने कहा 'आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता।'

- गलवान के शहीदों को याद कर कहा- दुनिया में भारत की ताकत देख ली है

प्रधानमंत्री ने कहा, 'अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को भी फिर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज हर देशवासी का सिर आपके सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन करता है।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था कि जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल। मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं।'

- फायर एंड फ्यूरी, कृष्ण की बांसुरी और चक्र

मोदी ने कहा, 'लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है। 14वीं कोर की जांबाजी के किस्से तो हर तरफ हैं। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं। भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर (आग) और फ्यूरी (आक्रोश) भी देखी है। आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने कई आक्रांताओं के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हम वो लोग हैं, जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, हम वही लोग हैं जो सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से भारत हर आक्रमण के बाद और सशक्त बनकर उभरा है।'

- चीन की विस्तारवादवादी नीति पर निशाना

मोदी ने कहा, 'विस्तारवाद का युग खत्म हो चुका है। ये युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए वक्त में विकासवाद ही प्रासंगिक है। इसी के लिए अवसर हैं। विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता को विनाश करने का प्रयास किया है। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है। पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है।'

- भगवान बुद्ध का जिक्र किया, जिनके बौद्ध धर्म के चीन में सबसे ज्यादा अनुयायी हैं

प्रधानमंत्री ने कहा, 'भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि साहस का संबंध प्रतिबद्धता से है। साहस करुणा है। साहस वो है, जो हमें निर्भिक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़े होना सिखाए। साहस वो है, जो हमें सही को सही कहने और करने की ऊर्जा देता है। देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है।'

चीन की बौखलाहट सामने आई

इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ें।

बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जवानों के बीच पहुंचे, तो वहां पर मौजूद जवानों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। मोदी के इस दौरे को चीन के लिए मैसेज देने के तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी पंत का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद लद्दाख पहुंचकर चीन को मैसेज दे रहे हैं कि भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा, पूरा लद्दाख भारत का है। यह मैसेज सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, बल्कि उन देशों के लिए भी है, जो इस कन्फ्यूजन में हैं कि आखिर भारत का स्टैंड क्या है?