बिश्केक में जारी शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे को दुनिया के सामने उठाया। मोदी ने कहा कि आतंक का समर्थन करने वालों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। इसके लिए भारत एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाएगा। मोदी ने गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता पर बल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आतंक से निपटने के लिए हमें एक होना होगा और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करना चाहिए। आतंकवाद रोज मासूमों बच्चों की जान लेता है। आतंक का सफाया जरूरी है और इसे निपटाने के लिए सभी को साथ आना होगा। आतंकवाद का साथ देने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने श्रीलंका में हुए बर्बर आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का भी आह्वान किया। श्रीलंका में हाल ही में हुए बम धमाकों में सात भारतीयों समेत करीब 250 लोगों की मौत हुई थी।
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, 'पिछले रविवार को श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान मैं सेंट एंटनी के चर्च गया था वहां मुझे आतंकवाद के उस घिनौने चेहरे का स्मरण हुआ जो हर कहीं भी प्रकट होकर मासूमों की जान लेता है। इस खतरे से निपटने के लिए सभी मानवतावादी ताकतों को अपने संकीर्ण दायरे से निकलकर एकजुट हो जाना चाहिए।'
पीएम मोदी जब SCO के मंच पर आतंकवाद को लताड़ रहे थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी वहां पर मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई अहम मुद्दों पर बात की।
कनेक्टविटी पर भी दिया जोरपीएम मोदी ने कहा हमारे साझा युग को बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है, पीपुल कनेक्टिविटी पर भी जोर है। एससीओ देशों के पर्यटकों के लिए भारत जल्द ही हेल्पलाइन जारी करेगा। हमारे लिए शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान अहम है। एससीओ में अफगानिस्तान का रोडमैप तैयार हुआ है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2020 में एससीओ की अध्यक्षता के लिए बधाई। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा हम अफगानिस्तान के लोगों के साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। PM मोदी ने इस दौरान अफगानिस्तान में भारत की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया। साथ ही SCO देशों के बीच हेल्थ, टूरिज्म समेत अन्य सेक्टरों को बढ़ाने का जिक्र किया।
पाकिस्तान वार्ता के लिए आतंकवाद मुक्त माहौल बनाए: भारतकिर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक (Bishkek) में चल रहे दो दिवसीय शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान पीएम इमरान खान आमने-सामने आए लेकिन उनके बीच ना कोई बात हुई और ना कोई मुलाकात। SCO की 19वीं बैठक के उद्घाटन समारोह में दुनिया के नेताओं ने हिस्सा लिया। संयोग से पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और इमरान खान (Imran Khan) हॉल में एक साथ ही पहुंचे। लेकिन पीएम मोदी ने इमरान खान से ना हाथ मिलाया और ना ही कोई अनौपचारिक बात की। उन्होंने इमरान खान (Imran Khan) को देखा तक नहीं। वह सीधे अपनी सीट पर बैठ गए। कल दिन में चली मुलाकातों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) विशेष डिनर में पहुंचे। इस डिनर में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) भी मौजूद थे। दोनों नेता एक ही टेबल पर बैठे थे, जानकारी मुताबिक, दोनों के बीच सिर्फ चार कुर्सियों का ही फासला था। दोनों नेताओं के एक ही मेज पर होने के बावजूद दोनों के बीच ना तो किसी तरह की बातचीत हुई और ना ही हाथ मिलाया गया। जानकारी के मुताबिक दोनों नेता एक ही समय पर डिनर हॉल में दाखिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने दूसरे नेताओं से बातचीत की लेकिन एक दूसरे के मुखातिब नहीं हुए। डिनर के बाद दोनों सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी साथ थे मगर वहां भी कोई बात नहीं की। पीएम मोदी विश्व के अन्य नेताओं के स्वागत में खड़े हुए और उनसे हाथ भी मिलाया लेकिन इमरान खान को स्पष्ट संदेश दे दिया कि मंच चाहे कोई भी हो, आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान के प्रति उनका रुख नहीं बदलने वाला है। दरअसल, भारत की ओर से ये पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश है कि जब तक वो आतंकवाद पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक किसी भी तरह की कोई बातचीत संभव नहीं है।
जलवायु संकट पर पीएम की नजरपीएम मोदी ने कहा कि बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर सकारात्मक कदम उठा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब श्रीलंका गए थे, तब भी उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की बात कही थी। एससीओ समिट में ऐसे कई मौके आए हैं, जब इमरान खान और नरेंद्र मोदी का आमना सामना हुआ है। हालांकि, हर बार दोनों नेताओं के बीच कोई भी संवाद नहीं हुआ।