संसद के मॉनसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया और हमें न्याय चाहिए के नारे लगाए। राज्यसभा में भी विपक्ष ने खूब हंगामा किया। टीडीपी सांसदों ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर हंगामा किया। वहीं सरकार ने बेरोजगारी के सवाल पर कहा है कि दुनिया में सबसे कम बेरोजगारी भारत में है।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद सुखराम यादव ने एक सवाल पूछा कि सरकार ने 4 साल में कितने लोगों को रोजगार दिया? इस सवाल पर केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि दुनिया में सबसे कम बेरोजगारी भारत में है। इस पर आनंद शर्मा ने पूछा कि नोटबंदी के बाद कितने एमएसएमई बंद हुए और उसकी वजह से कितने बेरोज़गार हुए? इस पर मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 2 महीने में डेटा आ जाएगा कि नवम्बर 2016 के बाद एमएसएमई सेक्टर में रोजगार पर कितना असर पड़ा है। कृषि में रोजगार कम हुआ है, जबकि उद्योग सर्विसेज सेक्टर में रोजगार बढ़ा है। आपको बता दें कि बीते दो सालों में जहां नोटबंदी की वजह से असंगठित क्षेत्र के लाखों लोगों की नौकरियां जाने की बात कही जा रही है। वहीं अब सरकार की अलग-अलग एजेंसियों की तरफ से जारी आंकड़े रोजगार में बंपर बढ़ोतरी के दावे करते दिख रहे है, लेकिन सबसे दिलचस्प दावा पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के एक सदस्य का है, जिनके मुताबिक सवा करोड़ से भी ज्यादा नए रोजगार मिलने का दावा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी नाम की एक निजी संस्था के मुताबिक, 2017 में 20 लाख लोगों की नौकरियां गईं। सरकार का ईपीएफ विभाग कहता है कि संगठित क्षेत्र में 70 लाख नौकरियां जुड़ी हैं। दूसरा सरकारी विभाग सांख्यिकी के मुताबिक 1 करोड़ लोगों को नौकरी मिली, लेकिन अब भल्ला सरकारी आंकड़े, जीडीपी और स्वतंत्र सर्वे के आधार पर कहते हैं कि 1.28 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।