संसद का दूसरा दिन, आज गूंजेगा चीन से तनाव का मुद्दा, जवाब देंगे राजनाथ सिंह

कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज दूसरा दिन है। भारत-चीन के बीच तनाव जारी है। विपक्षी पार्टियां सरकार से इस मसले पर संसद में चर्चा कराए जाने की मांग कर रही है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास जारी गतिरोध को लेकर संसद में बयान दे सकते हैं। लद्दाख में चीन से निपटने के तरीके, कोरोना की स्थिति, अर्थव्यवस्था में गिरावट और बेरोजगारी के मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

बता दे, सत्र के पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी, लेकिन स्पीकर ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा था। सत्र शुरू होने से पहले रविवार को हुई संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की पहली बैठक में कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने चीन और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर बहस करवाने की मांग रखी थी। लेकिन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसके लिए कोई समय तय नहीं किया। आज दोपहर बाद फिर से BAC की मीटिंग होगी। इसमें मानसून सत्र के पहले हफ्ते के शेड्यूल पर चर्चा की जाएगी।

लोकसभा की कार्यवाही आज दोपहर बाद 3 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक चलेगी। इससे पहले सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक राज्यसभा चलेगी। सत्र के पहले दिन यानी सोमवार को राज्यसभा पहली शिफ्ट में, जबकि लोकसभा दूसरी शिफ्ट में चली थी।

बता दें, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है और दोनों ओर से सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है। सरकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गोलीबारी की घटना पूर्वी लद्दाख सेक्टर में LAC के सटे हुई। हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। इन सभी मुद्दों पर विपक्ष सरकार से जवाब चाहता है। इसे देखते हुए मंगलवार को राजनाथ सिंह का बयान काफी अहम होगा और स्थिति बिल्कुल साफ होती दिखाई देगी।

सत्र के पहले दिन क्या-क्या हुआ?

- प्रश्नकाल हटाने पर बवाल

लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं होने से सदन में हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसे गोल्डन आवर्स बताते हुए सरकार पर लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में सांसद जनता से जुड़े मुद्दे उठाते हैं। इसे हटाया जाना गलत है। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार किसी चर्चा या सवाल का जवाब देने से पीछे नहीं हट रही है।

- संसद में सरकार भूली कि लॉकडाउन में कितने मजदूरों की मौत हुई


कोरोना महामारी के चलते मार्च में हुए लॉकडाउन के बाद लाखों मजदूरों की घर लौटते वक्त अलग-अलग हादसों में मौत हो गई थी। अब केंद्र सरकार का कहना है कि उसे पता नहीं कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की जान गई। कोरोनाकाल में संसद के पहले सत्र में ही सरकार ने माना कि प्रवासी मजदूरों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है।

- हरिवंश एक बार फिर राज्यसभा के उपसभापति चुने गए

नए सदस्यों की शपथ के बाद उपसभापति का चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए के हरिवंश ध्वनिमत से चुने गए। उनके खिलाफ यूपीए की ओर से राजद नेता मनोज झा उम्मीदवार थे।

- पेश हुए पांच विधेयक

सरकार ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यसभा में मंत्रियों के वेतन में कटौती के प्रावधान वाले विधेयक सहित पांच विधेयक पेश किए। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020 पेश किया। उच्च सदन की कार्यसूची के अनुसार यह विधेयक गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किया जाना था। सरकार ने इसी वर्ष मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) अध्यादेश, 2020 जारी किया था जिसमें कोरोना वायरस के मद्देनजर मंत्रियों के भत्तों में 30% तक कटौती का प्रावधान था।