जयपुर : स्कूल में कोरोना पहुंचते ही बढ़ी पेरेंट्स की चिंता, 15% तक आई छोटे बच्चों की उपस्थिति में गिरावट

15 नवंबर से राजस्थान में सौ फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खुल चुके हैं। लेकिन उसके अगले दिन ही एक स्कूल में दो बच्चे कारोना संक्रमित पाए गए थे जिस वजह से पेरेंट्स की चिंता बढ़ गई और कईयों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया। छोटे बच्चों की उपस्थिति में 5 से 15 फीसदी तक की गिरावट आई है। विद्यार्थियों की उपस्थिति में कमी सरकारी और निजी दोनों ही प्रकार के स्कूलों में हुई है। अभिभावक फिलहाल छोटे बच्चों को लेकर कोई रिस्क नहीं उठाना चाहते। कोरोना के साथ साथ अभिभावक डेंगू के बढ़ने मामलों से भी चिंतित हैं।

उधर, अभिभावक लगातार सरकार से ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर अभिभावकों ने बुधवार को एक निजी स्कूल के सामने प्रदर्शन भी किया और ज्ञापन सौंपा। सांसद रामचरण बोहरा के बाद अब मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ भी अभिभावकों के पक्ष में उतर आए हैं।

जयपुर में दो स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आते ही अभिभावक अधिक सतर्क हो गए हैं। वे बच्चों को लेकर अधिक चिंतित नजर आ रहे है। स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। छोटे बच्चों को तो स्कूल नहीं भेज रहे। सरकार और प्रशासन के रवैये से अभिभावक असहाय नजर आ रहे हैं। निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर प्रताड़ित कर रहे हैं और अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। सरकार को जल्दी राहत देनी चाहिए और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करनी चाहिए, जिससे बच्चों को लेकर अभिभावकों की चिंता दूर हो सके।