मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर अपना विरोध वापस ले सकता है पाक: रिपोर्ट

पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम Jaish-e-Mohammed) समेत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की सूची में जैश प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को शामिल करने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस भी ले सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूएन में फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने जैश के मुखिया मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध नहीं करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं खबर यह भी है कि पाकिस्तान मसूद और उसके आतंकी संगठन पर कार्रवाई भी कर सकता है। अजहर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे में स्थिति साफ नहीं है लेकिन अधिकारी ने संकेत दिया कि पाकिस्तान जैश प्रमुख को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस ले सकता है. जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद की कार्रवाई का और विरोध नहीं करेगा तो उन्होंने कहा, ‘‘देश को फैसला लेना होगा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण है या देश का व्यापक राष्ट्रीय हित अहम है। सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध के बारे में निर्णय लेने वाली समिति 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त तीन स्थाई सदस्य देशों के ताजा प्रस्ताव पर 10 दिन के अंदर विचार करेगी।अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में इस तरह का यह चौथा प्रयास है।

मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने पर क्या होगा

ऐसा होने से अजहर के वैश्विक रूप से यात्रा करने पर पाबंदी लग जाएगी, उसकी संपत्तियां फ्रीज हो जाएंगी।

मसूद अजहर के मारे जाने की खबर

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के मारे जाने की खबर है। मसूद अजहर को किडनी की बीमारी है। कहा ये भी जा रहा है कि वह भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के दौरान मारा गया। हालांकि अभी कहीं से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कौन है मसूद अजहर!

मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था। उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया, यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की। वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया। उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया। आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की। 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया। आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की। लेकिन आतंकियों की चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया। बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी।

1999 में भारत सरकार ने अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ा था

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के रहने वाले अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था। वर्ष 1999 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने इंडियन एयरलाइन्स के अपहृत विमान आईसी-814 को छुड़ाने के बदलने अजहर को छोड़ दिया था। 50 साल के अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का, जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र तथा पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने के भी आरोप हैं। इस बीच, नई दिल्ली में खुफिया एजेंसियां मसूद अजहर की पाकिस्तान में मौत के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इसके अलावा कोई जानकारी नहीं है कि अजहर का सेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके गुर्दे खराब हो चुके हैं।

पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। सरकार ने आतंकी शिविरों को तबाह करने का दावा करते हुए बड़ी सफलता मिलने की बात कही थी। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जैश प्रमुख अजहर पाकिस्तान में है और उसकी सेहत बहुत खराब है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ठोस सबूत पेश करे तो पाक सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। कुरैशी ने कहा था, 'वह मेरी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में है। वह इतना बीमार है कि अपने घर से नहीं निकल सकता।'