22 जनवरी को लागू हुई परमाणु हथियारों के निषेध संबंधी संधि को लेकर बोला पाकिस्तान

परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि 22 जनवरी को लागू हुई थी। पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह परमाणु हथियारों के निषेध संबंधी संधि से बाध्य नहीं है क्योंकि संधि सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखने में विफल रही है। द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए जाने की पुनरावृत्ति को रोकने के उद्देश्य से दशकों लंबे चले अभियान के बाद यह संधि अस्तित्व में आई।

हालांकि कई राष्ट्रों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए स्वागत किया जबकि इस संधि का अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के परमाणु हथियारों से लैस देशों ने विरोध किया था। जापान ने भी समझौते का समर्थन नहीं किया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2017 में अपनाई गई इस संधि पर संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण वार्ता मंचों के बाहर बातचीत की गई। बयान के अनुसार, तदनुसार, पाकिस्तान इस संधि में निहित किसी भी दायित्व से खुद को बाध्य नहीं मानता है।