तालिबान के साथ पाकिस्तान, इमरान ने अफगानिस्तान के हालात पर खुशी जताई, कहा - गुलामी की बेड़ियां तोड़ी जा रही हैं

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे तालिबान के साथ खड़े है। सोमवार को इस्लामाबाद में एक प्रोग्राम के दौरान इमरान खान ने कहा- तालिबान ने वास्तव में गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया है। एक एजुकेशनल सेरेमनी के दौरान इमरान ने तालिबान की खुले तौर पर तारीफ की। हालांकि, ये भी सही है कि उन्होंने ऐसा पहली बार नहीं किया। लेकिन, ऐसे वक्त जबकि दुनिया अफगानिस्तान पर आतंकियों के शासन को लेकर तमाम आशंकाओं से घिरी है, इमरान का बयान हैरान करने वाला है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा- 'जब आप दूसरी संस्कृतियों को स्वीकार करते हैं तो एक तरह का दबाव आ जाता है। जब ये हो जाता है तो मैं इसे वास्तविक गुलामी से बुरा मानता हूं। सांस्कृतिक गुलामी से निकलना आसान नहीं होता। अफगानिस्तान में क्या हुआ या क्या हो रहा है? वहां गुलामी की जंजीरें ही तो तोड़ी जा रही हैं।'

इमरान ने इस मौके पर इंग्लिश मीडियम एजुकेशन के कल्चर पर पड़ने वाले गलत प्रभावों का जिक्र भी किया। इसी संदर्भ में उन्होंने तालिबान का समर्थन कर दिया।

अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत आने के बाद जहां एक ओर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश अपने दूतावास बंद कर रहे हैं, वहीं चीन, रूस, इरान और पाकिस्तान जैसे देश तालिबान की सरकार की हिमायत करते दिख रहे हैं। इसकी सिर्फ एक वजह है- अमेरिका का अफगानिस्तान से जाना।

तालिबान ने रविवार को जब काबुल पर कब्जा कर लिया तो पाकिस्तान के कई इलाकों में खुशियां मनाई गईं। कई इलाकों में तो लोग काफिलों में निकले और मिठाइयां बांटी। अमेरिका समेत दुनिया के ज्यादातर देशों का मानना है कि पाकिस्तान ही वो देश है जो तालिबान को हथियार और सैन्य मदद देता है।