सिद्धू के बचाव में पाक पीएम इमरान, कहा - उन्हें निशाना बनाने वाले अमन की कोशिशों को नुकसान पहुंचा रहे है

पाकिस्तान 'Pakistan' के प्रधानमंत्री इमरान खान 'Imran Khan' के शपथग्रहण में जाने को लेकर भारत में घिरे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू 'Navjot Singh Sidhu' के समर्थन में अब खुद इमरान आ गए हैं। इमरान ने अपने ट्वीट में कहा कि जो भी मेरे शपथग्रहण में आने के लिए सिद्धू की बुराई कर रहे हैं, वे उपमहाद्वीप में शांति की कोशिशों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिना शांति के हमारे लोग आगे नहीं बढ़ सकते।

एक और ट्वीट में इमरान ने कहा कि दोनों देशों को आगे बढ़ने के लिए कश्मीर समेत अपने सभी विवाद निपटाने होंगे। गरीबी मिटाने और उपमहाद्वीप में जीवनस्तर को ऊपर ले जाने का सबसे बेहतर रास्ता बातचीत के जरिए हमारे मतभेद सुलझाना और व्यापार शुरू करना है। अपने ट्वीट्स में इमरान ने एक बार फिर कश्मीर राग दोहराया और कहा कि इसे बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है।

बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी थी। सिद्धू ने कहा कि पहले भी तनाव के बीच दोनों देशों के नेता मिलते रहे हैं। कमर जावेद बाजवा से उनकी मुलाकात सिर्फ चंद मिनटों की थी। बेवजह इस पर बवाल खड़ा किया जा रहा है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी शांति का संदेश लेकर पाकिस्तान गए थे। उनके लौटने के तुरंत बाद ही जनरल मुशर्रफ ने कारगिल में युद्ध छेड़ दिया था। बाद में उसी परवेज को भारत में निमंत्रण दिया गया। वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा में वार्ता भी हुई। दूसरी तरफ, पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ को बुलाया गया था और उनका मधुर स्वागत किया गया था।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि यही नहीं, पीएम मोदी एक विवाह समारोह में शामिल होने अचानक लाहौर गए। यह सब तनाव के बीच होता रहा। मेरी संक्षिप्त यात्रा के संबंध में आलोचना-उंगली उठाई गई। जहां तक कमर जावेद बाजवा का संबंध है तो उनसे मेरी मुलाकात सिर्फ शपथ ग्रहण समारोह में हुई। नवजोत सिद्धू ने कहा कि पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा ने शांति की बात की थी, इसलिए मैं भावुक हो गया था और इसी भावुकता में मैंने उन्हें गले लगा लिया। यह मानव स्वभाव है।

सिद्धू ने कहा कि बाजवा ने मुझे कहा कि वे वहां के गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं के बेरोकटोक आने के लिए कदम उठा रहे हैं। मैंने देखा है कि लोग वहां के गुरुद्वारों में जाने के लिए तरस जाते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। ये चंद लम्हे थे। इस संबंध में आलोचकों की तरफ से आरोप लगे। इसका खेद है। दो दिन की यात्रा के दौरान वहां के पत्रकारों और अन्य लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया गया। मैं ओत प्रोत हूं। इस प्यार से मेरी आस की डोर और अधिक मजबूत हुई है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की संभावना जगी है। पीएम बनने के बाद इमरान खान की तरफ से कहा गया कि शांति के लिए पड़ोसी देशों से बात की जाएगी। इससे भी मुझे आशा जगी है।