पाकिस्तान: अब रेपिस्ट को मिलेगी ऐसी भयानक सजा, सरकार ने पास किया ये बिल

पाकिस्तान में रेप और यौन शोषण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने ऐसा कानून पास किया है जिसमें अदालतें बलात्कारियों को नपुंसक करने की सजा सुना सकेंगी। बुधवार को पास हुए कानून के मुताबिक पाकिस्तान में अब बार-बार रेप और यौन शोषण जैसे अपराधों में पकड़े जाने वालों को केमिकल कैस्ट्रेशन की सजा मिलेगी। सरकार ने एक साल पहले यह बिल पेश किया था। सजा देने के लिए एक प्रक्रिया तय की गई है जिसके तहत सरकारी एजेंसियों को यौन शोषण करने वालों और बलात्कारियों का एक रिकॉर्ड रखना होगा। हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों ने इस सजा को अमानवीय बताया है। मामले की सुनवाई अदालतों को चार महीने के भीतर पूरी करनी होगी।

बढ़ते यौन अपराध पाकिस्तान में यह कानून ऐसे समय में आया है जब बलात्कार और बच्चों व महिलाओं के खिलाफ अन्य यौन अपराधों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। फिलहाल पाकिस्तान में इन अपराधों के लिए मौत की सजा और उम्रकैद का प्रावधान है।

क्या है बिल में...

केमिकल कैस्ट्रेशन (रासायनिक नपुंसकीकरण) एक प्रक्रिया है जिसे प्रधानमंत्री के बनाए नियमों के तहत मंज़ूर किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति को आजीवन सेक्स करने के नाकाबिल बनाया जाता है, इसके लिए अदालत दवाओं के इस्तेमाल का आदेश देगी जिसे एक मेडिकल बोर्ड मंज़ूर करेगा।

सामाजिक संस्था वॉर अगेंस्ट रेप के मुताबिक तीन प्रतिशत से कम बलात्कारियों को ही पाकिस्तान में सजा हो पाती है। अधिकारी चाहते हैं कि यौन अपराधों के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएं, ताकि ऐसे मामलों का जल्दी निपटारा हो सके। कानून की निंदा बहुत सारे मानवाधिकार संगठनों और वकीलों ने पाकिस्तान के इस नए कानून की आलोचना की है। वकील रिजवान खान ने कहा कि यह कानून एक जटिल समस्या का अति साधारण हल है। उन्होंने कहा, ‘यह एक बहुत जटिल समस्या का अतिसाधारणीकृत समाधान है। असल में पूरी न्याय व्यवस्था की आमूल-चूल समीक्षा की जरूरत है।’

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सुझाव दिया है कि सही हल यौन हिंसा की जड़ों की जांच करना होगा ना कि ज्यादा सख्त सजा देना। बलात्कारियों को नपुंसक बनाने के प्रावधान का कट्टर इस्लामी गुट विरोध कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी पार्टी के सेनेटर मुश्ताक़ अहमद ने बिल को इस्लाम-विरोधी और शरिया के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि एक बलात्कारी को सरेआम फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। मगर शरिया में नपुंसक बनाने को लेकर कोई ज़िक्र नहीं है।