तब तक सूली पर लटकाओ, जब तक दम न निकले...पिता और भाई को दोषी ठहराते हुए जज ने सुनाई सजा; जानें क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तान की एक अदालत ने महज एक साल के भीतर हत्या के एक मामले का निपटारा करते हुए दो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है। एक महिला की हत्या के अपराध में उसके पिता और भाई को दोषी ठहराया गया है। अदालत ने दोनों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने हत्या के बाद महिला को गुपचुप तरीके से दफना दिया था, लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम किया गया।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सेशन कोर्ट के जज जस्टिस अब्दुल हाफीज भुट्टा ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302(b) के तहत मोहम्मद फैसल और अब्दुल सत्ता को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने आदेश दिया कि दोषियों को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए। इसके अलावा, उन पर लगाया गया जुर्माना उनकी संपत्ति से राजस्व के रूप में वसूला जाएगा।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पहले दोषियों को छह महीने की जेल होगी, जिसके बाद उन्हें जिला जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। फांसी की सजा की अंतिम पुष्टि के लिए मामला लाहौर हाईकोर्ट भेजा जाएगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि दोषी अपने खिलाफ सजा के फैसले को 30 दिनों के भीतर चुनौती दे सकते हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला टोबा टेक सिंह के चेक-477 जेबी अलाउल इलाके का है और 28 मार्च 2024 को तब सामने आया, जब घटना का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, 17 मार्च 2024 को मारिया बीबी की उसके पिता अब्दुल सत्तार और भाई मोहम्मद फैसल ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पहले फैसल ने पुलिस के सामने दावा किया कि उसने अपनी बहन का बलात्कार किया था और इस घिनौने रिश्ते को छिपाने और परिवार की इज्जत बचाने के लिए पिता के साथ मिलकर मारिया को मार डाला। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारिया के साथ बलात्कार या गर्भावस्था जैसी कोई बात सामने नहीं आई।

हत्या के बाद परिवार ने चुपचाप शव को दफना दिया, लेकिन इस पूरी घटना को मारिया के दूसरे भाई शहबाज ने चोरी-छिपे कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया था। जब वीडियो वायरल हुआ, तो पुलिस ने शहबाज और उसकी पत्नी सुमैरा को भी हत्या की जानकारी छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

शहबाज और सुमैरा ने पुलिस को बताया कि मारिया ने घटना से एक दिन पहले ही उन्हें बताया था कि उसके पिता और भाई ने उसका बलात्कार किया था। हालांकि, अदालत ने जांच के बाद शहबाज और सुमैरा के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए हैं।