पाकिस्तान में वैक्सीन को लेकर दिखी सख्ती, जिन सरकारी कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया उनकी रूकेगी तनख्वाह

कोरोना पर लगाम लगाने के लिए हर देश वैक्सीनेशन के अभियान को तेजी से चला रहा हैं और लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा हैं। लेकिन देखा जा रहा हैं कि कई सरकारी कर्मचारीयों ने भी अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई हैं। इसपर पाकिस्तान में सख्ती देखने को मिल रही हैं और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर सरकारी कर्मी कोविड-19 का टीका लगाने में विफल रहते हैं तो जुलाई से उनकी तनख्वाह रोक ली जाए।

पाकिस्तान के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह की अध्यक्षता में कोविड-19 पर प्रांतीय कार्य दल की बैठक के दौरान यह आदेश पारित किया गया। शाह ने कहा, जो सरकारी कर्मचारी टीका नहीं लगवाएंगे, उनकी जुलाई से तनख्वाह रोक ली जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस बाबत वित्त मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सिंध सरकार पहले ही प्रांत के सभी शिक्षकों के लिए टीका लगवाने की समय सीमा पांच जून तय कर चुकी है ताकि सात जून से सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोला जा सके।

पाकिस्तान ने किया घरेलू वैक्सीन बनाने का दावा

पाकिस्तान ने कोरोना वायरस की घरेलू वैक्सीन बनाने का दावा किया है। इसका नाम पाकवैक (PakVac) रखा गया है। मंगलवार को एक समारोह के दौरान इसे लॉन्च भी कर दिया गया। इस वैक्सीन के बारे में जानकारी डॉक्टर फैसल सुल्तान ने दी। सुल्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य सलाहकार भी हैं। इसके पहले पाकिस्तान चीन और रूस से वैक्सीन खरीद रहा था। हालांकि, सुल्तान ने इस वैक्सीन की एफिकेसी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।