मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के दो संगठनों पर पाकिस्तान ने लगाया बैन

पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) के बाद भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक ली। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। पाकिस्तानी वेबसाइट 'डॉन' के अनुसार 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और उसके चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा था।

पीटीआई के मुताबिक गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया।

प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'गैरकानूनी करार दिए गए संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला बैठक में लिया गया।' उन्होंने कहा, 'यह तय किया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित किया जाए।' इससे पहले गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था।

अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे औरस्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।

लश्कर-ए-तैयबा पर बैन लगने के बाद हाफिज सईद ने आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए जमात-उत-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन बनाए थे। हालांकि जब फाइनंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला तो पाकिस्तान ने जमात-उत-दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर बैन लगा दिया। इसके लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आतंकवाद निरोधी अधिनियम 1997 को संशोधित करते हुए अध्यादेश लागू किया था। अक्टूबर 2018 में इस अध्यादेश की अवधि समाप्त हो गई और दोनों संगठनों से बैन हट गया।

एनएससी बैठक से पहले इमरान और बाजवा ने की एक बैठक

जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि एनएससी की बैठक से पहले प्रधानमंत्री खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बैठक की जिसमें उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया।

सूत्रों के हवाले से चैनल ने बताया कि इसके बाद एनएससी बैठक के दौरान पुलवामा हमले और इसके बाद उपजी स्थिति पर चर्चा की गई। इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल बाजवा, सेवाओं के प्रमुख, खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों, सुरक्षा अधिकारियों और वित्त, रक्षा, विदेश मामलों तथा गृह विभाग के लिए संघीय तथा राज्य मंत्रियों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। दुनिया के लगभग सभी शक्तिशाली देशों ने पुलवामा हमेल को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की है।