पहलगाम हमला: सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन, 1450 से अधिक संदिग्ध हिरासत में, CCS बैठक में सख्त कदम की तैयारी

पहलगाम (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा और त्वरित एक्शन लिया है। हमले के ठीक बाद पूरे दक्षिण कश्मीर में 250 से अधिक ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) को हिरासत में लिया गया है। ये सभी उन लोगों में शामिल हैं, जिन पर आतंकियों को स्थानीय स्तर पर मदद पहुंचाने का संदेह है। साथ ही कुल 1450 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें करीब 1200 ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं जो पूर्व में आतंकवाद से संबंधित मामलों में आरोपी रह चुके हैं।

क्या है इस व्यापक अभियान का मकसद?

अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई उन संगठित नेटवर्क की पहचान के लिए की जा रही है, जो इस हमले की योजना और उसके क्रियान्वयन में मददगार साबित हो सकते हैं। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि कुछ ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने हमलावरों को खुफिया जानकारी और रसद मुहैया कराई थी। हालांकि, उनकी सटीक भूमिका का खुलासा अब तक नहीं हुआ है।

CCS बैठक में चल रहा है मंथन, बड़ा फैसला संभव


हमले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सुरक्षा मोर्चे पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक जारी है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद हैं। संभावना है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम उठा सकती है।

कब हुआ था पहलगाम हमला?

यह दिल दहला देने वाला आतंकी हमला मंगलवार दोपहर हुआ, जब पहलगाम के प्रसिद्ध बाइसरण घास के मैदान में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। इस नृशंस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हमलावरों ने पहले पीड़ितों से धर्म और नाम पूछे, फिर पुरुषों के कपड़े उतरवाकर उनकी पहचान की पुष्टि की कि वे हिंदू हैं या नहीं।

इस परेशान कर देने वाली बर्बरता के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। आमजन से लेकर नेताओं तक सभी आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।