कोरोना वायरस / वैक्सीन की उम्मीद पर ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक ने ही फेरा पानी, कही ये चौकाने वाली बात

कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया में अब तक 54 लाख 24 हजार 165 लोग संक्रमित हो चुके है और 3 लाख 44 हजार 338 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। कोरोना वायरस के वैक्सीन की खोज में करीब 100 से ज्यादा देश जुटे हुए हैं। इसमें से कई देशों में टेस्टिंग शुरुआती चरणों में है तो कई देशों में परीक्षण का अंतिम दौर चल रहा है। वहीं इस बीच वैक्सीन को लेकर कुछ उम्मीद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने जगाई थी लेकिन अब इसी यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन की सफलता को लेकर उम्मीद कम कर दी है। ब्रिटिश अखबार टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन डेवलपमेंट टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में शामिल एड्रियन हिल ने कहा है कि वैक्सीन ट्रायल के सफल होने की उम्मीद 50% ही है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एड्रियन हिल ने कहा कि आने वाले ट्रायल में 10000 वॉलेंटियर्स को शामिल किया जा रहा है। लेकिन हो सकता है कि इससे कोई रिजल्ट ना मिले क्योंकि ब्रिटेन में तेजी से कोरोना वायरस के मामले घट रहे हैं और संक्रमण दर में कमी आ रही है। एड्रियन हिल ने कहा कि यह गायब हो रहे वायरस और समय के साथ दौड़ लगाने जैसा है। इस पल यही लग रहा है कि 50% आशंका है कि हमें कोई परिणाम ना मिले।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ChAdOx1 nCoV-19 नाम की वैक्सीन पर काम कर रही है। दुनियाभर में ऐसा समझा जा रहा है कि ये वैक्सीन अन्य वैक्सीन के मुकाबले आगे चल रही है। एड्रियन हिल की टीम ने अप्रैल में ही इंसानों पर प्रारंभिक ट्रायल शुरू कर दिया था। दुनियाभर में इतनी जल्दी इंसानी ट्रायल शुरू किए जाने वाली कुछ ही वैक्सीन हैं।

जनवरी में एक छोटे से लैब प्रोजेक्ट के तहत इस वैक्सीन पर काम शुरू किया गया था जब सिर्फ चीन में मामले सामने आए थे। लेकिन करीब 4 महीने बाद न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि दुनियाभर की निगाहें इस वैक्सीन पर हैं। इसी हफ्ते AstraZeneca नाम की दवा कंपनी ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के 40 करोड़ डोज तैयार करने के लिए अमेरिका के साथ 1.2 बिलियन डॉलर का करार किया है। वहीं, ब्रिटिश सरकार 10 करोड़ डोज की रकम देने के लिए तैयार हो गई है। ब्रिटेन के लोगों को उम्मीद है कि उनके लिए सितंबर तक 3 करोड़ वैक्सीन के डोज तैयार हो जाएंगे।

वैक्सीन को लेकर इस वैज्ञानिक ने कही ये बात

वहीं, इस बीच ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशियेंसी वायरस (एचआईवी) पर शोध करने वाले अमरीका के एक नामी वैज्ञानिक विलियम हेसलटाइन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा है कि 'उन्हें नहीं लगता कि कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्द आने वाली है।' उन्होंने यह बात समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कही। उन्होंने कहा कि 'कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए ज़रूरी है कि मरीज़ों की बेहतर पड़ताल की जाए, उन्हें सही तरीक़े से ढूंढा जाए और जहाँ संक्रमण फैलता दिखे, वहीं उसे सख़्त आइसोलेशन के ज़रिए रोका जाए।' विलियम हेसलटाइन ने यह भी कहा कि 'बिना किसी प्रभावी इलाज या फिर टीके के भी कोरोना वायरस को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए संक्रमण की सही पहचान ज़रूरी है। जो लोग संक्रमित हैं, उन्हें आइसोलेशन में रखना सबसे ज़्यादा कारगर है। बाक़ी लोग हाथ धोते रहें, मास्क पहनें और सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली चीज़ों और जगहों को साफ़ रखें, तो भी इसमें काफ़ी कमी आ सकती है।'