CAA-NRC : विपक्ष की बैठक में बोली सोनिया, लोगों को दबाने, नफरत फैलाने और विभाजन का काम कर रही मोदी सरकार

नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और NRC के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। इस बैठक में तकरीबन 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक से टीएमसी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने खुदको दूर रखा। सोमवार को हुई इस बैठक में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि सरकार लोगों को दबाने, नफरत फैलाने और विभाजन का काम कर रही है। अभूतपूर्व उथल-पुथल का माहौल है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि वे (पीएम मोदी और अमित शाह) अपनी ही बात से मुकर गए हैं। जेएनयू, बीएचयू और जामिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने उनका 'आतंक' देखा है। मोदी-शाह की सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

सोनिया गांधी ने दावा किया देशभर में लोगों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों के बाद सरकार का गुस्सा फूट पड़ा और वह अब खुलकर सामने आ गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्रवाई बहुत ही अजीब है। सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने लोगों को बरगलाने का काम किया है।

पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे। इसके साथ ही आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए।

हालांकि कांग्रेस के लिए झटके की बात रही कि मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना ने भी इस बैठक से किनारा कर लिया।