13 मार्च को होगा आतंकी मसूद को ‘ग्लोबल आतंकी घोषित’ में शामिल करने पर फैसला

आने वाली 13 तारीख यानि 13 मार्च को युनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत के दुश्मन और मोस्ट वांटेड आतंकी जैश के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पास हो सकता है। अमेरिका और ब्रिटेन का समर्थन पहले ही फ्रांस को मिल गया है। किसी ने विरोध नहीं किया तो मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो जाएगा। बता दें कि अब तक तीन बार इस प्रस्ताव पर चीन वीटो लगा चुका है। सूत्रों की मानें तो चीन इस बार विरोध नहीं करेगा और 13 मार्च के बाद मसूद अजहर वर्ल्ड टेररिस्ट लिस्ट में शामिल हो जाएगा।

मसूद अजहर के ग्लोबल टेररिस्ट बनाने के बाद क्या होगा

अगर मसूद अजहर के ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट में शामिल हो गया तो उसके सारे एकाउंट फौरन सीज़ कर लिए जाएंगे। उसकी सारी संपत्तियां फौरन जब्त कर ली जाएगी और वह पाकिस्तान से बाहर जाते ही गिरफ्तार हो जाएगा। इतना ही नहीं खुद पाकिस्तान पर भी उसे गिरफ्तार करने का दबाव बनेगा। यानी मसूद अजहर का भी वही हाल होगा, जो बैन लगाये गये दूसरे संगठनों का हुआ है।

तालिबान ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में है लेकिन उसका आका मुल्ला उमर खत्म हो चुका है। अल कायदा भी सक्रिय है, लेकिन उसका मुखिया लादेन पाकिस्तान में मारा जा चुका है। आतंकी संगठन आईएसआईएस भी इसी कैटेगरी में है और सक्रिय है, लेकिन उसका मुखिया अबु बकर बगदादी मारा गया। ऐसे में मसूद अजहर जैसे ही ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होगा, पाकिस्तान उसे खुलेआम अपने यहां पनाह नहीं दे पाएगा और ऐसे में उसका खात्मा तय माना जाएगा।

मसूद अजहर के मारे जाने की खबर

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के मारे जाने की खबर है। मसूद अजहर को किडनी की बीमारी है। कहा ये भी जा रहा है कि वह भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के दौरान मारा गया। हालांकि अभी कहीं से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जिंदा है पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर

पाकिस्तान के पंजाब राज्य के एक मंत्री फैयाज-उल-हसन चोहान का कहना है कि मसूद अजहर जिंदा है, सरकार को उसके मौत के बारे में खबर नहीं है।

कौन है मसूद अजहर!


मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था। उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया, यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की। वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया। उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया। आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की। 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया। आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की। लेकिन आतंकियों की चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया। बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी।

1999 में भारत सरकार ने अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ा था

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के रहने वाले अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था। वर्ष 1999 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने इंडियन एयरलाइन्स के अपहृत विमान आईसी-814 को छुड़ाने के बदलने अजहर को छोड़ दिया था। 50 साल के अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का, जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र तथा पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने के भी आरोप हैं। इस बीच, नई दिल्ली में खुफिया एजेंसियां मसूद अजहर की पाकिस्तान में मौत के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इसके अलावा कोई जानकारी नहीं है कि अजहर का सेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके गुर्दे खराब हो चुके हैं।

पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। सरकार ने आतंकी शिविरों को तबाह करने का दावा करते हुए बड़ी सफलता मिलने की बात कही थी। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जैश प्रमुख अजहर पाकिस्तान में है और उसकी सेहत बहुत खराब है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ठोस सबूत पेश करे तो पाक सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। कुरैशी ने कहा था, 'वह मेरी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में है। वह इतना बीमार है कि अपने घर से नहीं निकल सकता।'