राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीती गुरुवार रात तब आमजन में खलबली मच गई जब मोती डूंगरी गणेश मंदिर और बिड़ला मंदिर में हथियारबंद आतंकियों के घुसने और वहां मौजूद लोगों को बंधक बनाने की खबर सामने आई। हांलाकि यह नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो की मॉक ड्रिल थी जिसमें 120 कमांडो शामिल हुए थे। मॉक ड्रिल के लिए अचानक आर्मी की गाड़ियों में हथियारबंद कमांडो के पहुंचते ही मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों में अफरा तफरी का माहौल हो गया। जेएलएन मार्ग पर आनन-फानन में जेडीए सर्किल से त्रिमूर्ति सर्किल, शांति पथ तिलक नगर, टोंक रोड पर आरबीआई की तरफ से मोतीडूंगरी की तरफ आने जाने वाले सभी रास्तों पर ट्रैफिक और आमजन की आवाजाही को रोक दिया गया।
ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया। इससे अफरा तफरी की स्थिति बन गई। इस बीच आतंकियों के मंदिर में घुसने की खबर फैली तो हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल हो गया। कुछ देर बाद पता चला कि यह मॉक ड्रिल है। बताया जा रहा है कि यह ड्रिल आज भी बिड़ला मंदिर और आसपास के इलाके में होगी।मॉक ड्रिल में आधुनिक हथियारों से लैस करीब 120 से ज्यादा ब्लैक कैट कमांडो शामिल हुए। इसमें आतंकियों के शहर के प्रमुख मंदिर में घुसने पर उनसे मुठभेड़ के ऑपरेशन को अंजाम देने का ड्रिल किया। इस दौरान मंदिर के आसपास के क्षेत्र में जयपुर पुलिस में पूर्व जिले का जाब्ता बुलाया गया। वे मंदिर के आसपास ही तैनात रहे। ट्रेफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एनएसजी को मोती डूंगरी गणेश मंदिर तक पहुंचने में मदद की। इसके अलावा सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, 108 एंबुलेंस मेडिकल टीम के अलावा सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियों एटीएस और एसओजी के कमांडो भी ऑपरेशन में शामिल होने पहुंचे।