'नोटबंदी गलती नहीं, ये जानबूझकर गरीबों पर मारी गई कुल्हाड़ी'

नोटबंदी पर जारी किए गए आरबीआई के आंकड़े के बाद मोदी सरक्रार विपश के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी Rahul Gandhi ने नोटबंदी के मुद्दे पर फिर एक बार भाजपा को घेरा है। राहुल गांधी ने नोटबंदी के बाद आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देकर कहा कि नोटबंदी जानबूझकर गरीबों के पैर में मारी गई कुल्हाड़ी थी। राहुल ने कहा कि पीएम ने अपने 15-20 उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के युवाओं, महिलाओं, किसानों और छोटे व्यवसायियों की जेब से पैसा निकाल उन्हें दे दिया। राहुल ने कहा कि राफेल डील पर जेटली उनसे सवाल पूछ रहे हैं जबकि संयुक्त संसदीय समिति बनाने पर चुप हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश जानना चाहता है कि मोदी और अनिल अंबानी में क्या डील हुई। राहुल ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए यहां तक कहा कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ दी और अरुण जेटली लंबे-लंबे ब्लॉग लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी कोई गलती नहीं बल्कि भाजपा शासन की जानबूझकर की गई साजिश है। इसके बाद राहुल अंबानी की तरफ बढ़े और उन्होंने कहा कि राफेल पर उनकी पीएम मोदी से क्या डील हुई, ये पूरा देश जानना चाहता है।

राहुल ने पूछा, नोटबंदी की चोट क्यों लगाई?

- राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान पीएम ने घोषणा की थी कि कालाधन, टेरर फंडिंग और जाली नोट की समस्या का अंत हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
- राहुल ने कहा, 'मैं हिंदुस्तान के युवाओं, छोटे व्यवसायियों को बताना चाहता हूं कि पीएम ने नोटबंदी क्यों की। उनके सबसे बड़े 15-20 उद्योगपतियों के पास नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स थे। नरेंद्र मोदी ने देश की जनता का पैसा लेकर सीधा हिंदुस्तान के सबसे बड़े क्रोनी कैपटलिस्ट की जेब में डाला।'

'नोटबंदी गलती नहीं, ये जानबूझकर गरीबों पर मारी गई कुल्हाड़ी'

- राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी बड़े व्यवसायियों को रास्ता देने का तरीका थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी गलती से नहीं की। उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया।
- हिंदुस्तान के उन उद्योगपतियों जिन्होंने उन्हें मार्केटिंग के लिए पैसा दिया, उनको फायदा पहुंचाने के लिए किया। अरुण जेटली और पीएम मोदी ने मिलकर देश की इकॉनमी को बर्बाद कर दिया।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'राफेल का मामला बिल्कुल स्पष्ट है। अनिल अंबानी ने हवाई जहाज कभी नहीं बनाया। वह 45 हजार करोड़ के कर्ज में हैं। उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट मिलने से कुछ दिन पहले ही कंपनी खोली। दूसरी तरफ एचएएल जो 70 सालों से हवाई जहाज बना रही है। कोई कर्जा नहीं है। पहला सवाल जो हवाई जहाज 520 करोड़ का था उसे 1,600 करोड़ रुपये में किसे फायदा पहुंचाने के लिए किया। पूरा देश जानना चाहता है कि अनिल अंबानी और मोदी ने क्या डील की है।'