राजस्थान : कोरोना इतिहास में पहली बार जब नहीं मिला कोई संक्रमित, बढ़ने लगा डेंगू का खौफ, मेडिकल इमरजेंसी लागू

बीता दिन मंगलवार कोरोना के लिहाज से प्रदेश के लिए बेहद सुखद रहा जहां काेराेना इतिहास के 596 दिन (20 माह) में ऐसा पहली बार हुआ हैं जब प्रदेश में कोई नया संक्रमित नहीं मिला हैं। प्रदेश में अब काेराेना के 38 एक्टिव राेगी ही बचे हैं। इनमें से अस्पतालाें में 2-3 ही भर्ती हैं बाकी सभी घर पर आइसोलेशन में हैं। प्रदेश के 10 जिलों में ही कोरोना के एक्टिव रोगी बचे हैं। 13 एक्टिव रोगी जयपुर में, अजमेर और बीकानेर में 7-7 बचे हैं। 31 जिलों में काेराेना बैड खाली हो चुके हैं।

कोरोना कहर थमने के साथ ही डेंगू चिंता बढ़ाने लगा हैं। डेंगू के कहर काे देखते हुए मंगलवार काे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ। रघु शर्मा ने सभी जिलाें के सीएमएचओ और पीएमओ से वीसी की और तीन घंटे तक फीडबैक लिया। रेस्मा की तरह कड़ाई करते हुए प्रदेश में 15 दिन के लिए मेडिकल इमरजेंसी लागू कर दी। चिकित्साकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द रहेंगी। 20 अक्टूबर से 3 नवंबर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जाएगा। जयपुर से 14 टीमें उन 14 जिलों में नोडल आफिसर भेजे जाएंगे, जहां डेंगू के 150 से ज्यादा मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर एंटीलार्वा गतिविधि, फोगिंग आदि करवाएगा।

प्रदेश में करीब 7 हजार डेंगू के मरीज हैं। पिछले पूरे साल में यह आंकड़ा 1331 मरीजाें का था। मंगलवार को बीकानेर में एक और रोगी ने दम तोड़ा। उधर, दिल्ली दाैरे पर जाने से पहले मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने कहा कि डेंगू, मलेरिया, वायरल सहित अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर गंभीर हैं, उपाय किए जा रहे हैं।