हैकर्स की मदद से उत्तर कोरिया ने चुराए करोड़ों डॉलर, बढ़ाएगा परमाणु हथियार

उत्तर कोरिया को अपने तानाशाही और अड़ियल रवैये के लिए जाना जाता हैं जो कि दुनिया के ताकतवर देशों की सूची में शामिल होने की चाह रखता हैं। इसके लिए उत्तर कोरिया हमेशा से परमाणु कार्यक्रम को दमखम के साथ चलाता रहा हैं और अब इसके लिए वह हैकर्स की मदद से चोरी कर रहा हैं। इसको लेकर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई थी जिसके अनुसार परमाणु कार्यक्रम को वित्तपोषित करने के लिए उत्तर कोरियाई हैकरों ने पिछले साल अरबों रुपये चुराए।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग पर आरोप लगाया गया है कि उत्तर कोरिया अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने और परमाणु हथियारों को बढ़ाने के लिए हैकिंग का सहारा लिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरियाई हैकर्स ने हैकिंग कर के 2020 में 316.4 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 21,86,70,90,000 रुपये रुपये चुराए हैं। यूएन रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि नॉर्थ कोरिया के हैकर्स फिशिंग अभियान चला रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जुड़े एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर सीएनएन के साथ इस गोपनीय दस्तावेज के कुछ अंश साझा किए थे। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने कहा कि इतनी बड़ी रकम चोरी करने वाला एक अनाम देश है, जो संभवत: उत्तर कोरिया ही है। उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के पैनल ऑफ एक्सपर्ट्स की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक के बाद भी वह लगातार हथियार बढ़ाने पर लगा है।

इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय हैकिंग की बड़ी घटनाओं में उत्तर कोरियाई हैकर्स का नाम आता रहा है। किम की हैकर सेना ने उत्तर कोरिया से भागकर दक्षिण कोरिया में रह रहे करीब एक हजार लोगों के निजी डेटा में सेंध लगाकर इसे लीक कर दिया था। हैकरों ने दक्षिण कोरिया की सरकारी पुनर्वास एजेंसी के कंप्यूटर में सेंध लगाकर यह चोरी की। एक रिपोर्ट के अनुसार हैकरों ने सरकारी कंप्यूटर में सेंध लगाकर उत्तर कोरिया के 997 लोगों के नाम, जन्मतिथि और उनके पते चुरा लिए। एकीकरण मंत्रालय ने बताया था कि इतने बड़े पैमाने पर उत्तर कोरिया के लोगों के निजी डेटा चोरी का यह पहला मामला है।