डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार हुई नोएडा की स्त्री रोग विशेषज्ञ, 59 लाख रुपए की चपत लगी

नई दिल्ली। नोएडा में 40 वर्षीय एक डॉक्टर ने साइबर अपराधियों के हाथों 59.54 लाख रुपए गंवा दिए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर खुद को दूरसंचार अधिकारी बताकर उन्हें दो दिनों तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा। पीड़ित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा गोयल के अनुसार, पैसे उड़ाने की यह घटना 15-16 जुलाई के बीच हुई।

डिजिटल गिरफ्तारी एक नई रणनीति है, जिसमें जालसाज कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर भोले-भाले पीड़ितों को ठगते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं।

महिला ने नोएडा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है। अपनी शिकायत में गोयल ने कहा कि 13 जुलाई को उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी होने का दावा किया।

डॉक्टर ने दावा किया कि अधिकारी ने उन्हें मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी से संपर्क कराया। पुलिस अधिकारी ने गोयल को बताया कि पोर्न वीडियो शेयर करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

डॉक्टर को यह भी बताया गया कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनका नाम सामने आया है और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है। नरेश गोयल को केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने 1 सितंबर, 2023 को गिरफ्तार किया था।

साइबर अपराधियों ने गोयल को जान से मारने की धमकी भी दी और कहा कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया जाएगा। उन्हें डराने के बाद ठगों ने डॉक्टर से कहा कि मुसीबत से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि वे अपना सारा पैसा उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दें।

डर के मारे गोयल ने जालसाजों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 59.54 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। यह पूरा पैसा गोयल के खाते से 15 से 16 जुलाई के बीच दो दिनों में ट्रांसफर हो गया।

उनकी शिकायत के अनुसार, 49.54 लाख रुपये की राशि पहले अहमदाबाद के एक बैंक खाते में ट्रांसफर की गई। अगले दिन, 10 लाख रुपये रायपुर के एक खाते में ट्रांसफर किए गए। गोयल ने कहा कि जालसाजों ने उन्हें लगातार व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर रहने के लिए मजबूर किया।

एसीपी (साइबर क्राइम) विवेक रंजन राय ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। इसी तरह का एक मामला मई में हुआ था जब नोएडा की एक अन्य डॉक्टर, डॉ. आरती सुरभित को मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर जालसाजों ने कथित तौर पर 45 लाख रुपये की ठगी की थी।

पुलिस ने कहा कि डॉ. आरती को सात घंटे से अधिक समय तक 'डिजिटल गिरफ्तारी' में रखा गया था। ऐसी ही एक अन्य घटना में, नोएडा में एक आईटी इंजीनियर को ऑनलाइन पुलिस अधिकारी बनकर 3.75 लाख रुपये की ठगी की गई।