अतीक अहमद की मौत में पुलिस की कोई गलती नहीं: सुप्रीम कोर्ट में बोली यूपी सरकार

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की चल रही जांच में राज्य पुलिस की ओर से कोई गलत काम नहीं पाया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि उसने इस घटना और अन्य मामलों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इनमें गैंगस्टर विकास दुबे की हत्या और 2017 के बाद से विभिन्न पुलिस मुठभेड़ शामिल हैं, जैसा कि याचिकाकर्ता ने उठाया था।

रिपोर्ट में अहमद और अशरफ की हत्या की जांच पर विवरण प्रदान किया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि अन्य पहलुओं से संबंधित सबूत इकट्ठा करने के लिए जांच आंशिक रूप से जारी है।

रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता द्वारा अपनी दलीलों में उजागर की गई सभी सात घटनाओं की राज्य द्वारा विभिन्न निर्णयों में अदालत द्वारा जारी निर्देशों और दिशानिर्देशों के अनुसार गहन जांच की गई है। रिपोर्ट में लिखा है, जहां जांच पूरी हो गई है, वहां पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई है।

राज्य सरकार की रिपोर्ट याचिकाकर्ता की दो अलग-अलग याचिकाओं के जवाब में आई है, जिसमें उसने अपने भाइयों की हत्या की व्यापक जांच के लिए निर्देश देने की मांग की थी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी कहा कि विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था।

अपने हलफनामे में सरकार ने बताया कि पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए लोगों से जुड़े मामलों की कुशल जांच और निपटान के लिए दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा चल रही जांच के संबंध में सभी जोन या कमिश्नरेट से जानकारी प्राप्त करने के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित समीक्षा की गई।