गौरतलब है कि जुलाई में ही नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में आए हैं. ऐसे में वह इन बातों को लेकर लालू प्रसाद यादव के निशाने पर रहते हैं. मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना के भी किसी नेता को जगह नहीं दी गई है. इसको लेकर शिवसेना की नाराजगी की खबरें आईं थीं. शिवसेना ने शपथग्रहण समारोह का भी बहिष्कार किया.
मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में जेडीयू को जगह ना मिलने पर पार्टी का दर्द सामने आ गया है. जेडीयू सांसद और प्रवक्ता केसी त्यागी ने बातचीत में कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने से हम लोग निराश नहीं है, लेकिन हमें उम्मीद थी कि जिस ढंग से बिहार में बीजेपी और जेडीयू मिलकर सरकार चला रहे हैं, उसी तरीके से केंद्र में भी जेडीयू के लोगों को शामिल किया जाएगा.
हमें कैबिनेट विस्तार में जगह क्यों नहीं दी गई इसका जवाब तो बीजेपी नेता ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आगे होने वाले मंत्रिमंडल में उम्मीद करते हैं बीजेपी इस बात का ध्यान रखेगी और बिहार की तर्ज पर केंद्र में भी जेडीयू को अपना सहयोगी बनाएगी.
आपको बता दें कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार जेडीयू के दो नेताओं को जगह देने के कयास लगाए जा रहे थे, जिनमें एक को कैबिनेट और एक को राज्य मंत्री का दर्जा देने की अटकलें थी. रविवार को आयोजित शपथग्रहण समारोह में कुल 13 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इस फेरबदल में बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और शिवसेना से किसी को शामिल नहीं किया गया.
इस मुद्दे को लेकर नीतीश के पुराने सहयोगी लगातार हमला बोल रहे हैं.लेकिन जदयू के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मोदी कैबिनेट में जदयू में शामिल नहीं होने के पीछे शिवसेना और एआईडीएमके जैसी सहयोगी पार्टियों की अंदरुनी डिफरेंसेस है.