
जयपुर। नई दिल्ली के भारतमंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भाग लिया। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने विकसित राजस्थान के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की और प्रदेश में जल व ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार से अधिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकसित राजस्थान के लक्ष्य को हासिल करने हेतु हर पहलू पर तेज़ी से कार्य कर रही है। इसी संदर्भ में आर्थिक समृद्धि, सतत विकास तथा समावेशी प्रगति को केंद्र में रखकर नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया कि रामजल सेतु लिंक परियोजना तथा यमुना जल समझौते को मूर्त रूप देने में प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, ये जल परियोजनाएं विकसित राजस्थान के संकल्प को पूरा करने में अहम योगदान देंगी।
सीएम भजनलाल शर्मा ने बताया कि विकसित राजस्थान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए राज्य में निवेश अत्यंत आवश्यक है। इसी हेतु सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं, जिनमें से सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को धरातल पर लागू किया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान सरकार ने एक जिला एक उत्पाद नीति 2024, एमएसएमई पॉलिसी 2024, निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी 2025, लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025, और डाटा सेंटर पॉलिसी 2025 जैसी नीतियों को तैयार कर समावेशी विकास एवं रोजगार सृजन में उत्कृष्ट कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने वाली इंडस्ट्रियल पॉलिसी जल्द ही जारी की जाएगी, जिसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करने हेतु रिसर्च एवं डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, व्यापारिक क्षेत्र के विकास के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी भी लागू की जा रही है। राज्य में 15 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं तथा 20 नए औद्योगिक क्षेत्र भूखंड आवंटन के लिए खोले गए हैं, जिससे औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक गौरव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्वप्रसिद्ध है।
पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए पर्यटन विकास को गति देने हेतु नवीन पर्यटन नीति शीघ्र जारी की जाएगी। युवाओं को स्टार्टअप स्थापित कर रोजगार प्रदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अटल इन्टरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम भी शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समयबद्ध भर्ती परीक्षाओं के माध्यम से 67 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं तथा 1 लाख 87 हजार पदों के लिए चयन प्रक्रिया विभिन्न चरणों में चल रही है।
ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अक्षय ऊर्जा क्षमता में 10,000 मेगावाट की वृद्धि हुई है और राजस्थान सौर व अक्षय ऊर्जा क्षमता में देश में प्रथम स्थान पर है। पीएम कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और नवीन राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति की बेहतर क्रियान्विति हेतु निरंतर प्रयास जारी हैं।
सर्कुलर इकोनॉमी के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम 2025 लाई जा रही है, जिसके तहत रिसाइक्लिंग और रीयूज के क्षेत्र में रिसर्च एवं डेवलपमेंट के लिए 2 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही, इस क्षेत्र में कार्यरत एमएसएमई तथा स्टार्टअप को विभिन्न योजनाओं में ऋण अनुदान पर 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। राज्य में 15 वर्ष से पुराने वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने तथा प्रदूषण रहित नई तकनीकों वाले वाहनों को प्रोत्साहित करने हेतु राजस्थान व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी भी लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पोंग बांध की कुल भराव क्षमता 1400 फीट ऊंचाई तक अनुमत है, परंतु पर्याप्त वर्षा के बावजूद भी बांध में जल को उसकी अधिकतम सीमा तक भरा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोंग बांध को पूरी क्षमता तक जल भराव की अनुमति शीघ्र दी जाए ताकि भागीदार राज्यों को उनका पूर्ण जल आवंटित हो सके। साथ ही, 51.5 किलोमीटर लंबी फिरोजपुर फीडर लाइन की लाइनिंग हेतु भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
कालीसिंध और छबड़ा थर्मल परियोजनाओं में अतिरिक्त इकाइयों एवं 3200 मेगावाट की नई थर्मल इकाई को पिट हेड से 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के कारण राज्य में स्थापना हेतु शिथिलन प्रदान करने की मांग की गई। साथ ही, साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड से मिलने वाले 20 लाख मीट्रिक टन कोयले को नॉर्दन कोलफील्ड से उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा बेहतर बनाने हेतु केंद्र से पीएम कुसुम योजना के कंपोनेंट-ए के तहत राज्य को 5000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन और 5000 मेगावाट आवर बैट्री स्टोरेज के लिए अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित करने तथा राजस्थान को आवंटित 115 गीगावाट बिजली उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 40 गीगावाट अतिरिक्त ऊर्जा के इवेक्युएशन हेतु योजना शीघ्र बनाने का भी अनुरोध किया।