निर्भया के दोषियों ने 7 साल में 23 बार तोड़े जेल के नियम, 1,37,000 कमाया मेहनताना

निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे एक साथ तिहाड़ की जेल नंबर-3 में फांसी पर लटकाया जाएगा। इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। वही पिछले सात सालों में इन चारों दोषियों ने जेल में रहते हुए 1,37,000 रुपये मेहनताना कमया है। यह जानकारी देते हुए सूत्रों ने यह भी बताया कि उन्होंने 23 बार नियमों का उल्लंघन किया। इन चारों दोषियों के नाम अक्षय ठाकुर सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय कुमार है।

विनय कुमार ने 11 बार, जबकि अक्षय को 1 बार सजा दी गई थी। वहीं मुकेश ने 3 बार और पवन ने 8 बार नियमों को तोड़ा। पिछले सात वर्षों में मुकेश ने मजदूरी करने से मना कर दिया था। जबकि अक्षय ने मेहनताना के तौर पर 69,000 रुपये, पवन ने 29 हजार और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए। साल 2016 में तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय ने 10वीं कक्षा में एडमिशन लिया, लेकिन वे एग्जाम पास नहीं कर पाए। विनय ने साल 2015 में स्नातक में प्रवेश लिया, लेकिन वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया। दोषियों के परिजनों को फांसी से पहले दो बार मिलने की अनुमति दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की क्यूरेटिव खारिज कर दी है। जिसका ज्यादा झटका विनय शर्मा को लगा। जैसे ही इसे टीवी पर इसका पता लगा। वह बहुत परेशान हो गया। जेल सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव खारिज होने के बाद निर्भया के दोषियों का पहला रिएक्शन यही था कि उन्हें तो इस बारे में पहले ही आशंका थी। लेकिन फिर भी लगता था कि कहीं कुछ गुंजाइश हो तो शायद अपना कानूनी उपचार करके तो देख लें। विनय शर्मा की बढ़ती बैचेनी देखकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने उसकी निगरानी और कड़ी कर दी है।

क्यूरेटिव खारिज होने के बाद मंगलवार को उसने अपने पिता से मुलाकात की। पिता को सामने देखते ही वह रो पड़ता है और यही हाल उसके पिता का भी है। उनकी आंखों से भी आंसू छलक पड़ते हैं। विनय के मुंह से अचानक आवाज निकलती है कि पापा एक बार गले तो लगा लो। विनय शर्मा ने अपने पिता से मुलाकात करने के लिए जेल प्रशासन से आग्रह किया था। उस आग्रह को मानकर जेल प्रशासन ने मंगलवार को उसके पिता से उसकी मुलाकात करा दी। पिता से उसकी मुलाकात जेलर के ऑफिस में कराई गई। आधे घंटे तक चली मुलाकात के दौरान विनय की आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है और वह लड़खड़ाकर गिरने लगता है जिसे जेल कर्मी थाम लेते हैं।

वहीं, निर्भया की मां ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पूरा यकीन था कि दोषियों की सुधारात्मक याचिका खारिज हो जाएगी और उन्हें यकीन है कि चारों को 22 जनवरी को फांसी जरूर होगी। उच्चतम न्यायालय द्वारा फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में से दो की ओर से दायर सुधारात्मक याचिका खारिज किए जाने के बाद पीड़िता की मां ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘सुधारात्मक याचिकाएं खारिज होनी ही थी। वह तीसरी बार उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे। वह चाहे कोई याचिका दायर करें , हम लड़ने के लिए तैयार हैं। हमें लगता है कि उन्हें 22 जनवरी को फांसी होगी। हम चाहते हैं कि ऐसा हो।'

बता दे, क्यूरेटिव खारिज होने पर इन चारों में से कोई दूसरा अधिक परेशान हुआ तो वह था मुकेश। बाकी पवन और अक्षय को देखकर तो बहुत अधिक ऐसा नहीं लग रहा था कि क्यूरेटिव खारिज होने के बाद अब इनकी जिंदगी के चंद घंटे ही बचे हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल चारों सामान्य रूप से खाना खा-पी रहे हैं। चारों में से किसी ने भी अभी तक जेल अधिकारियों के सामने अपना गुनाह कबूल नहीं किया है। चारों को देखने से ऐसा कुछ नहीं लगता है कि इन्हें अपने गुनाह का कोई पश्चाताप भी हो। हां, विनय और मुकेश की नींद उड़ गई है। जेल सूत्रों का कहना है कि जल्द ही चारों को फांसी की कोठी वाली जेल नंबर-3 में शिफ्ट कर दिया जाएगा।