निर्भया के गुनहगारों से पूछी गई उनकी आखिरी इच्छा, मौत के डर से दो ने खाना छोड़ा

निर्भया के गुनहगारों की सजा का ऐलान हो चुका है। 1 फरवरी को सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तारीख तय है। इससे पहले जेल प्रशासन ने चारों गुनहगारों को नोटिस थमाकर उनसे आखिरी इच्छा पूछी है। उनसे पूछा गया है कि फांसी के दिन से पहले वह अपनी अंतिम मुलाकात किससे करना चाहते हैं? उनके नाम कोई प्रॉपर्टी है तो क्या वह उसे किसी के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं, कोई धार्मिक किताब पढ़ना चाहते हैं या किसी धर्मगुरु को बुलाना चाहते हैं? अगर वह चाहें तो इन सभी इच्छाओं को 1 फरवरी को फांसी देने से पहले पूरा कर सकते हैं।

जेल सूत्रों ने बताया कि चारों कातिलों को तिहाड़ की जेल नंबर-3 में अलग-अलग सेल में रखा गया है। हर दोषी की सेल के बाहर दो सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। इनमें से एक हिंदी और इंग्लिश का ज्ञान ना रखने वाला तमिलनाडु स्पेशल पुलिस का जवान और एक तिहाड़ जेल प्रशासन का होता है। हर दो घंटे में इन गार्डों को आराम दिया जाता है। शिफ्ट बदलने पर दूसरे गार्ड तैनात किए जाते हैं। हर एक कैदी के लिए 24 घंटे के लिए आठ-आठ सिक्यॉरिटी गार्ड लगाए गए हैं। यानी चार कैदियों के लिए कुल 32 सिक्यॉरिटी गार्ड। ये 24 घंटे में 48 शिफ्ट में काम कर रहे हैं।

वही जेल सूत्रों से यह भी खबर आई है कि फांसी की तारीख नजदीक आने की वजह से डर के कारण चारों में से एक ने खाना छोड़ दिया है जबकि दूसरा भी कम खाना खा रहा है। चारों में से एक विनय ने दो दिनों तक खाना नहीं खाया था, लेकिन बुधवार को इसे बार-बार खाना खाने के लिए कहा गया तो थोड़ा खाना खाया। मंगलवार सुबह से अचानक पवन की खुराक में कमी आई है। वही मुकेश और अक्षय में ऐसा नहीं देखा गया है। वह दोनों आराम से अपना खाना खा रहे है।

1 फरवरी को होनी है फांसी

चारों को फांसी पर लटकाने की नई तारीख 1 फरवरी सुबह 6 बजे तय की गई है। लेकिन निर्भया के तीन गुनहगारों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है। जैसे की हम जानते है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका को खारिज कर दी थी। लेकिन बचे हुए तीन गुनहगार राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते है। वही दूसरा विकल्प है क्यूरेटिव पिटीशन। बता दे, निर्भया के दोषी अक्षय और पवन के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का भी विकल्प है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन 14 जनवरी को खारिज कर दी थी।