दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा राज्य सरकार की सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी संबंधी प्रस्ताव लौटाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बैजल के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के फैसले लेने का अधिकार किसके पास होना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "उपराज्यपाल कहते हैं कि डिजिटलीकरण होना चाहिए। दिल्ली की चुनी हुई सरकार कहती है कि होम डिलीवरी के साथ डिजिटलीकरण होना चाहिए। इससे एलजी सहमत नहीं है। इसलिए सवाल यह है कि लोकतंत्र में ऐसी स्थिति में अंतिम फैसला किसका होगा- एलजी का या चुनी हुई सरकार का।"
केजरीवाल ने इस ट्वीट के साथ एक न्यूज रिपोर्ट भी साझा की, जिसका शीर्षक था- 'डोरस्टेप डिलीवरी : गवर्मेट सेज बैजल रिजेक्टेड प्लान, एलजी सेज डिजिटाइज इट'।
बैजल के कार्यालय ने मंगलवार को कहा था कि उपराज्यपाल ने केवल मौजूदा प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने की सलाह दी थी और भ्रष्टाचार समाप्त करने और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए वैकल्पिक मॉडल का सुझाव दिया था।
बैजल ने यह भी कहा था कि सेवाओं का डिजिटल वितरण भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए "सबसे प्रभावी" माध्यम हो सकता है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना के तहत 40 सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी करने का निर्णय लिया है। इन सेवाओं में शादी के प्रमाण-पत्रों से लेकर जन्म प्रमाण पत्र तक शामिल है।