कड़ाके की ठंड के साथ हुई नए साल साल की शुरुआत, घने कोहरे की वजह से ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित

नए साल की शुरुआत उत्‍तरी और पूर्वी भारत के लोगों के लिए कड़ाके की ठंड के साथ हुई। पहाड़ों से लेकर मैदानी हिस्सों तक कई जगह तापमान 1 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम है। घने कोहरे के कारण ट्रेनों का परिचालन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि कोहरे की वजह से 29 ट्रेनें 2 से 9 घंटे की देरी से चल रही हैं। बता दें कि कोहरे के चलते कई इलाकों में दृश्‍यता न्‍यूनतम स्‍तर पर पहुंच गई है, जिससे रेल के साथ सड़क यातायात भी प्रभावित हुई है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि अगले 2-3 दिनों तक शीत लहर से थोड़ी राहत मिल सकती है।

शीत लहर से आंशिक राहत मिलने का अनुमान

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले एक पखवाड़े से भीषण सर्दी के दौर से गुजर रहे उत्तर भारत में अगले दो तीन दिनों तक शीत लहर से आंशिक राहत मिलने का अनुमान है। मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डा कुलदीप श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि 30 दिसंबर को हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का असर मैदानी क्षेत्रों में सर्दी की वजह बन रही पश्चिमी हवाओं के कमजोर पड़ने और मैदानी इलाकों से चलने वाली पूर्वी हवाओं के जोर पकड़ने के कारण अधिकतम तापमान में इजाफा हुआ है। अगले 48 घंटों के पूर्वानुमान के बारे में उन्होंने बताया कि गुरुवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों, उत्तरी राजस्थान और पूर्वी उत्तराखंड में सुबह के समय कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में बुधवार को सुबह कोहरे के बाद दिन में धूप खिलने के कारण अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक था। हालांकि सुबह के समय न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

हवा में जहर

वही ठंड के साथ-साथ देश की राजधानी और आसपास के इलाकों की हवा भी जहरीली हो गई है। एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) अतिगंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। ऐसे में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दिल्‍ली पॉल्‍यूशन कंट्रोल कमेटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार इलाके में AQI 418 और आरके पुरम में 426 तक पहुंच गया है। यह 'अत्‍यंत गंभीर' की श्रेणी में आता है। रोहिणी क्षेत्र की स्थिति तो और भी खतरनाक है। इस इलाके में AQI 457 तक दर्ज किया गया है। मालूम हो कि हवा में PM2.5 का स्‍तर बढ़ने के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों, बुजुर्गों और बच्‍चों के लिए तो हालात और भी बदतर हो जाते हैं।