नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी) रात हुए भगदड़ हादसे के बाद रेलवे प्रशासन, केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। दोबारा ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। शनिवार रात करीब 9:30 बजे, प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली भीड़ इतनी अधिक हो गई कि स्टेशन पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। दो ट्रेनों के देरी से चलने और प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह के कारण हालात बेकाबू हो गए, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तत्काल तीन अहम फैसले लिए: - भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्रयागराज के लिए चार स्पेशल ट्रेनें तुरंत चलाई गईं।
- हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए ताकि भगदड़ के असली कारणों का पता लगाया जा सके और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- मृतकों के परिजनों को ₹10-10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹2.5 लाख और सामान्य रूप से घायलों को ₹1 लाख मुआवजा देने की घोषणा की गई।
प्रयागराज जंक्शन के लिए सेट है प्रोटोकॉलप्रयागराज और आसपास के आठ रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू किया गया है। यहां आने और जाने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं। जब भी प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों की संख्या तय सीमा से अधिक हो जाती है, तो विशेष इमरजेंसी प्लान सक्रिय किया जाता है। नॉर्थ-सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि पहले से तय प्रोटोकॉल के तहत भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जा रहा है।
सीएम योगी का हवाई सर्वेक्षणनई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ क्षेत्र का हवाई सर्वे किया। गौरतलब है कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भी भगदड़ की घटना हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए महाकुंभ प्रशासन चौबीसों घंटे सतर्क है और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठा रहा है।