गाय-भैंस का गोबर सिर्फ खाद या बॉयो गैस बनाने के ही काम नहीं आता। ये गोबर खाद के अलावा भी कमाई का जरिया बन सकता है। गोबर से आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। और इसमें आपकी मदद सरकार भी करेगी। आप गोबर से कागज बनाने का कारोबार शुरू कर सकते हैं। नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट में गोबर से पेपर बनाने की विधि इजाद की गई है। गोबर से हैंडमेड पेपर तैयार किया जा रहा है। इस पेपर की क्वालिटी बहुत अच्छी है। इससे कैरी बैग भी तैयार किया जा रहा है। जैसा की प्लास्टिक बैग बैन हो रहे हैं, ऐसे में पेपर के कैरी बैग अच्छा विकल्प हैं।
एमएसएमई मंत्रालय के तहत देश भर में इस प्रकार के प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। कागज बनाने के लिए गोबर के साथ कागज के चिथड़े का इस्तेमाल किया जाता है।
इस योजना से जुड़ने के बाद लोग गोबर से पेपर बनाने के प्लांट के लिए लोन और सब्सिडी पा सकेंगे। इस प्रकार के प्लांट लगाने के लिए सरकार की तरफ से कर्ज मुहैया कराया जा रहा है। 5 लाख से लेकर 25 लाख तक में प्लांट लगाए जा सकते हैं। एक प्लांट से एक माह में 1 लाख कागज के बैग बनाए जा सकते हैं। इसमें 10 से 12 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वेजिटेबल डाई बनाने का काम आता है गोबर
इसके अलावा गोबर से आप वेजिटेबल डाई भी बना सकते है। गोबर में से कागज बनाने लायक सिर्फ 7 फीसदी मैटेरियल निकलते हैं। बाकी के 93 फीसदी का इस्तेमाल वेजिटेबल डाई बनाने में काम में लिया जा सकता है। ये वेजिटेबल डाई पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इसका निर्यात भी किया जा सकता है।
कागज और विजिटेबल डाई बनाने के लिए सरकार 5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किसानों से गोबर खरीदना होगा। एक जानवर एक दिन में 8-10 किलोग्राम गोबर मिल सकता है। ऐसे में, किसानों को अपनी मवेशियों से रोजाना कम से कम 50 रुपये तक की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।