अजमेर दरगाह पर बड़ा हादसा होने से टला, अचानक गिरा बरसों पुराना नीम का पेड़

बीती रात अजमेर में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां रविवार की रात को तूफानी हवा चल रही थी जिसकी वजह से सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खड़ा बरसों पुराना एक नीम का पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि मध्य रात्रि को हुई इस घटना के दौरान वहां कोई नहीं थी जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। दरगाह में आमतौर पर शबे बरात पर जायरीन की बड़ी भीड़ होती है, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने रात 10:00 बजे तक ही शबे बरात की रस्में अदा करने के लिए छूट दी थी। इसे देखते हुए दरगाह में भी जायरीन नहीं थे। यही वजह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

दरगाह के बुलंद दरवाजे के पास दरगाह कमेटी का नजूर ऑफिस है। इसके सामने ही यह नीम का बहुत पुराना पेड़ लगा हुआ था। दरगाह कमेटी के सूत्रों के मुताबिक रात 2 बजे के बाद अचानक चली तेज हवाओं के चलते इस पेड़ की जड़े फर्श से उखड़ गई। मार्बल का मजबूत फर्श तोड़ते हुए पेड़ एक और झुक गया। गनीमत यह रही कि कोराना गाइडलाइन की अनुपालन में दरगाह में रात में जायरीन नहीं थे। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। सुबह दरगाह कमेटी के स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। पेड़ को कटवाया गया और उसके अवशेषों को बाहर भेजा गया।