इमरान खान का दावा, अगर सिद्धू पाकिस्तान आकर चुनाव लड़ें तो यहां से जीत सकते है, देखे वीडियो

पाकिस्तान में बुधवार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी गई। इस दौरान भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर और नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। पाकिस्तान में होने वाले समारोह के लिए नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को ही यहां पहुंच चुके हैं। भारत सरकार ने कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी को भेजा है। नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को धन्यवाद दिया और कहा कि इमरान खान ने 70 साल का इंतजार खत्म किया है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे। सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी। उन्होंने कहा कि अब खून-खराबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए। अब तक बहुत नुकसान हो गया है। वही शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े।

दोनों देशों के बीच शांति की पहल पर जोर देते हुए और सिद्धू की तारीफ करते हुए इमरान खान ने कहा, मैंने सुना है कि जब सिद्धू पाकिस्तान में मेरी शपथ ग्रहण समारोह में आए थे, उसके लिए हिंदुस्तान में उनकी बहुत आलोचना हुई। मुझे ये नहीं पता कि उनकी आलोचना क्यों हुई। वह तो सिर्फ भाईचारे और शांति की बात कर रहे थे।

इमरान ने इस मौके पर तो यहां तक दावा कर दिया कि अगर सिद्धू पाकिस्तान आकर भी चुनाव लड़ें तो वह यहां से जीत सकते हैं। इमरान खान ने कहा, दोनों देशों के बीच सिर्फ कश्मीर ही एक मात्र मुद्दा है। इसके लिए सिर्फ दो सक्षम नेताओं के बैठने की जरूरत है, जो साथ बैठकर इसे सुलझा सकते हैं। जरा सोचिए अगर हम ऐसा कर सके तो हमारे संबंध और मजबूत हो जाएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिख समुदाय को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती समारोह में करतारपुर में बेहतर सुविधाएं मिलने का आश्वासन दिया।

माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है। सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी। करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे। इस गलियारे के छह महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है।