अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का 'मार्स इनसाइट लेंडर' InSight यान मंगल ग्रह पर लैंड हो गया है और इसने लाल ग्रह यानी मंगल की पहली तस्वीर भी भेजी। InSight सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात भारतीय समयानुसार 1 बजकर 24 मिनट पर लाल ग्रह की सतह पर पहुंचा। नासा की ओर से इसका लाइव प्रसारण भी किया गया। 'नासा' का 'मार्स इनसाइट यान करीब छः महीने की यात्रा के बाद लैंड हुआ है। यह नासा के इतिहास में मंगल पर आठवां सफल लैंडिंग है। यह यान मंगल की रहस्यमयी दुनिया के बारे में जानने के लिए बनाया गया है। यह ग्रह की सतह पर उतरने के दौरान 19,800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से छः मिनट के भीतर शून्य की रफ्तार पर आ गया। इसके बाद यह पैराशूट से बाहर आया और लैंड किया। पांच मई को लांच किया गया मार्स 'इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट' (इनसाइट) लेंडर 2012 में 'क्यूरियोसिटी रोवर' के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है। नासा में इस मिशन को कंट्रोल करने वाले ऑपरेटर ने इनसाइड की लैंडिंग की पुष्टी की। 70 अरब रुपए का खर्च
NASA के इस यान में 1 बिलियन डॉलर यानी 70 अरब रुपए का खर्च आया है। सौर ऊर्जा और बैटरी से ऊर्जा पाने वाले लैंडर को 26 महीने तक संचालित होने के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि NASA को उम्मीद है कि यह इससे अधिक समय तक चलेगा। नासा ने कहा कि InSight की जांच के तहत सतह पर 10 से 16 फुट गहरा सुराख किया जाएगा। यह इससे पहले के मंगल अभियानों की तुलना में 15 गुना अधिक गहरा होगा। दरअसल 2030 तक मंगल पर लोगों को भेजने के कोशिशों के लिए नासा को ‘लाल ग्रह' के तापमान को समझना महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा। इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी।