नासा ने अपने नवीनतम मार्स लैंडर 'इनसाइट' को लॉन्च कर दिया है। इसे मंगल ग्रह की सतह पर इंसानों के जाने कि शुरुआत से पहले और आने वाले भूकंप' की रिकॉर्डिंग के लिए डिजाइन किया गया है। इसे लाल ग्रह तक पहुंचने में छह महीने लगेंगे। यह यान मंगल की जमीन की भीतरी सतह की जांच करेगा। इस यान को इनसाइट (इंटीरियर एक्प्लोरेशन यूजिंग साइस्मिक इनवेस्टिगेशन जीयोडसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट) का नाम दिया गया है। यदि यह मिशन कामयाब रहता है तो इससे मंगल ग्रह से जुड़े कई सारे रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा। अंतरिक्ष यान कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग वायुसेना अड्डे से स्थानीय समयानुसार सुबह 4.05 बजे (भारतीय समयानुसार शाम पांच बजे) एटलस वी. रॉकेट से लांच किया गया। नासा के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि लांच किए जाने से पहले धुंध ही एकमात्र चिंता की बात थी। मौसम ठीक होते ही लांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई। नासा के एक सुरक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘मंगल की सतह के नीचे क्रस्ट, मैटल और कोर की जानकारी हासिल करने की उम्मीद से उत्साहित हूं।’
खोलेगा चट्टानी ग्रहों के निर्माण के राजइनसाइट मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगी। इससे पृथ्वी और चंद्रमा समेत सभी चट्टानी खगोलीय पिंडों के निर्माण के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल की जा सके। इसके साथ ही यह भी जांच करना संभव होगा कि ग्रह के आंतरिक भाग से कितनी गर्मी का प्रवाह हो रहा है। लाल ग्रह की भूमध्य रेखा के पास दिन का ग्रीष्मकालीन तापमान 70 डिग्री फोरेनहाइट (20 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है, लेकिन फिर रात से -100 फोरेनहाइट (-73 सेल्सियस) तक पहुंच जाता है।
15 फुट गहराई तक जांच15 से 16 फुट की गहराई तक जांच करेगा यान
15 गुना गहरा है नासा के पिछले मिशनों की तुलना में यह मिशन
लंबा है मिशन630 किलो है इनसाइट मार्स लैंडर का वजन
6454 करोड़ रुपये मिशन का खर्च
26 नवंबर से काम करना शुरू कर देगा यान इनसाइट
26 महीने है रोवर की बैटरी की क्षमता
100 से ज्यादा भूकंपों की जांच का मिलेगा मौका
2012 में इससे पहले लांच हुआ था क्यूरियोसिटी