अधर में जेट एयरवेज का भविष्य, नरेश गोयल ने छोड़ा पद, पत्‍नी अनिता भी बोर्ड से बाहर

कर्ज में डूबी हुई एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज संकट में अब नया मोड़ आ गया है। जेट एयरवेज (Jet Airways) के बोर्ड से एयरलाइन के फाउंडर और प्रोमोटर नरेश गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने एक्सचेंज को नरेश गोयल के इस्तीफे की औपचारिक तौर पर जानकारी दे दी है। नरेश गोयल की पत्‍नी अनिता गोयल ने भी बोर्ड से दूरी बना ली है। वहीं जेट एयरवेज को बैंकों से तत्काल 1,500 करोड़ रुपये तक का आर्थिक मदद मिलेगी।

जेट एयरवेज के लेंडर्स के कर्ज को 11.4 करोड़ इक्विटी शेयरों में बदला जाएगा। एतिहाद के एक नॉमिनी डायरेक्टर ने भी इस्तीफा दे दिया है। कंपनी के डेली ऑपरेशन को देखने के लिए एक अंतरिम मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई है। कर्जदार कंपनी के शेयरों को निवेशकों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी। ये प्रक्रिया जून तिमाही में खत्म होगी।

जेट एयरवेज का नियंत्रण अभी तक नरेश गोयल के पास था जिनके पास 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अबुधाबी स्थित एतिहाद एयरवेज के पास 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बता दें कि पैसों की कमी की वजह से बीते कुछ दिनों में जेट एयरवेज ने अपनी 40 से ज्‍यादा विमानों को खड़ा कर दिया। जेट एयरवेज पर कर्ज की बात करें तो 8,200 करोड़ रुपये का है और उसे मार्च अंत तक 1,700 करोड़ रुपये भुगतान करने हैं। जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है। इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं। अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा।

इस्‍तीफा देने की क्‍या है वजह

दरअसल, बीते दिनों मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि खाड़ी की एयरलाइन कंपनी एतिहाद एयरवेज नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को उबारने के लिए 1,600 से 1,900 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है। इस निवेश के साथ ही यह शर्त थी कि नरेश गोयल को एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना होगा। हालांकि वह एयरलाइन के निदेशक मंडल में दो व्यक्तियों को नामित कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गोयल को एयरलाइन का चेयरमैन एमिरिटस नामित किया जा सकता है जबकि उनके बेटे निवान गोयल को कुछ शर्तों के साथ कोई उचित कार्यकारी पद दिया जा सकता है।

जेट एयरवेज के शेयर में 17 फीसदी की तेजी

नरेश गोयल के इस्‍तीफे की खबर के बीच कारोबार के दौरान जेट एयरवेज के शेयर में 17 फीसदी तक का इजाफा हुआ। कारोबार के दौरान जेट एयरवेज का शेयर प्राइस 266 रुपये तक पहुंच गया जबकि बाजार बंद होने पर कंपनी का शेयर 254.50 रुपये के भाव पर रहा। जेट एयरवेज के शेयर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी करीब दो महीने पहले देखने को मिली थी। जेट एयरवेज के शेयर का 52 हफ्ते का उच्‍चतम 650.50 रुपये है जबकि न्‍यूनतम स्‍तर 163 रुपये है। वर्तमान में कंपनी की मार्केट कैप 2,891.05 करोड़ है।

एसबीआई ने मदद के दिए थे संकेत

बीते हफ्ते देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) ने जेट एयरवेज को कर्ज के जंजाल से निकालने के संकेत दिए थे। इसी के तहत एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र के साथ बीते बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की।एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने जोर देकर कहा था कि जेट एयरवेज को परिचालन में बनाए रखना कर्जदाताओं तथा उपभोक्ताओं के हित में है। जेट एयरवेज को बैंकरप्‍सी कानून (आईबीसी) के अंतर्गत ले जाना अंतिम विकल्प है।

जेट एयरवेज के पायलटों को मिली नौकरी

इस बीच एक अन्‍य एयरलाइन इंडिगो ने सैलरी संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के 100 पायलट को नौकरी दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडिगो ने 100 से अधिक बोइंग 737 कमांडर स्‍तर के पायलटों को हायर किया है। जेट एयरेवज के पायलटों ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनका वेतन 31 मार्च तक नहीं दिया गया, वे उड़ानों का परिचालन बंद कर देंगे।

1974 में शुरू की थी जेट एयरवेज

जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने बेहद कठिन परिस्थिति में अपनी मां के जेवर बेचकर ट्रैवल एजेंसी शुरू की थी। नरेश गोयल ने 1967 में अपनी मां के एक चाचा की एजेंसी में कैशियर के रूप में काम शुरू किया था। तब उन्हें 300 रुपए सैलरी मिलती थी। यहां काम करते हुए रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस जैसे कई बड़ी कंपनियों में काम करने का मौका मिला। 1974 को उन्होंने अपनी ट्रैवल एजेंसी शुरू की और उसका नाम जेट एयरवेज रखा।