पहले से भी भव्य होगा मोदी का शपथ ग्रहण समारोह, बंगाल में मारे गए BJP कार्यकर्ताओं के परिजन भी होंगे शामिल

नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होने वाले इस समारोह में करीब 7000 मेहमान शिरकत कर सकते हैं। इन मेहमानों की लिस्ट में उन बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों का भी नाम है जिन्‍होंने चुनावी हिंसा में अपनी जान गंवा दी। 30 मई यानी गुरुवार को होने जा रहे शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए करीब 50 बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को न्‍यौता मिला है। इनके ट्रेन से गुरुवार को दिल्‍ली पहुंचने की संभावना है। इसे लेकर जहां कार्यकर्ताओं में खुशी है, वहीं इसे 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

एक अनुमान के मुताबिक, पिछले 6 वर्षों में पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक करीब 50 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्‍या कर दी गई। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में भी चुनावी हिंसा के दौरान एक बीजेपी कार्यकर्ता मनु हंसदा की हत्‍या कर दी गई थी, जिनके बेटे अब पीएम मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत करने जा रहे हैं। उन्‍होंने अपने पिता की हत्‍या का आरोप राज्‍य में सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के 'गुंडों' पर लगाया। उन्‍होंने कहा, 'मेरे पिता की हत्‍या तृणमूल के गुंडों ने कर दी। हम खुश हैं कि हम दिल्‍ली जा रहे हैं। हमारे इलाके में अब शांति है।'

मेहमानों की लिस्ट के अलावा हर किसी की नज़र मंत्रिमंडल पर है। लगातार कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन किसी का भी नाम फिक्स नहीं दिख रहा है। मंगलवार को नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच 5 घंटे तक बैठक हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रियों के नाम पर चर्चा की गई।

शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगा। मुख्य द्वार और मुख्य भवन के बीच एक भव्य रास्ता बनाया जाएगा, जिसका इस्तेमाल राज्य के प्रमुखों और देशों के शासनाध्यक्षों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाएगा।

यह चौथा मौका होगा जब प्रधानमंत्री पद की शपथ दरबार हॉल की जगह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगी। दरबार हॉल में महज 500 लोगों का समारोह ही संभव है। सबसे पहले चंद्रशेखर ने 1990 में बाहरी प्रांगण में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयर ने 1998 में और इसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी ने बाहरी परिसर में शपथ ग्रहण की थी। 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सार्क देशों के प्रमुखों के अलावा करीब 4000 मेहमानों ने हिस्सा लिया था। 2014 में शपथ ग्रहण समारोह का समय 6 बजे रखा गया था, जबकि मेहमानों के आने का सिलसिला 4:30 बजे से शुरू हो गया था, जबकि उस समय गर्मी काफी ज्यादा थी। सुरक्षा कारणों से उस समय पानी की बोतलों की भी व्यवस्था भी नहीं की गई थी। इस बार राष्ट्रपति भवन ने कार्यक्रम शाम 7 बजे करने की बात कही है। इसके अलावा वहां पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है।