आतंकी अजमल कसाब से लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम तक, सच्चाई जानने के लिए इन लोगों का भी करना पड़ा था नार्को टेस्ट

दिल्ली के भीमराव अंबेडकर अस्पताल में गुरुवार को श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट किया गया। इस दौरान इस केस से जुड़े अधिकारी और विशेषज्ञों की टीम वहां मौजूद थी। करीब दो घंटे तक चले इस टेस्ट में आफताब से हत्या से जुड़े कई सवाल जवाब किए गए। खबर है की आफताब ने अधिकतर सवालों के जवाब दिए हैं। आफताब ने कई सवालों के जवाब अंग्रेज़ी में दिए। कुछ सवालों के जवाब देने में आफताब ने थोड़ा समय लिया। टेस्ट के दौरान आफताब कई सवालों पर चुप रहा लेकिन टीम ने उससे सवाल को दोहराया और जवाब देने को कहा, जिसके बाद आफताब ने जवाब दिया। इससे पहले कि हम आपको आफताब से किए गए सवालों के बारे में बताएं, उससे पहले आपको ये बताते हैं कि कब-कब और किस पर नार्को टेस्ट किए गए हैं।

अजमल कसाब का नार्को टेस्ट

आपको आतंकी अजमल कसाब का वो वीडियो तो याद होगा, जिसमें नार्को के दौरान उसे आतंकी हमले की पोल खोलते देखा जा सकता था। वो वीडियो तब पूरे देश ने देखा था। देश उस वीडियो को भुला नहीं सकता। अजमल कसाब 26-11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले का गुनहगार और इकलौता जिंदा पकड़ा गया आतंकी था। नार्को टेस्ट के वक्त वो ना पूरी तरह होश में था और ना पूरी तरह बेहोश। यानी नीम बेहोशी की हालत में था और तब उसी आलम में उसने बताया था कि कैसे मुंबई पर आतंकी हमले की साजिश रची गई, उसे अंजाम दिया गया और वो खुद कैसे इसका हिस्सा बना था।

अब्दुल करीम तेलगी का नार्को टेस्ट

अब्दुल करीब तेलगी सबसे बड़े घोटालों में से एक स्टैंप घोटाले का मास्टरमाइंड था। जब वो पुलिस कस्टडी में था तब बोल तो रहा था, मगर पूरा सच नहीं बोल रहा था। इसलिए उसके नार्को टेस्ट का फैसला किया गया। लेकिन जब उसका नार्को टेस्ट किया गया, तो इसने उन नेताओं के भी नाम ले डाले, जिन्हें उसने पैसे दिए थे।

नूपुर तलवार और राजेश तलवार का नार्को टेस्ट

आरुषि मर्डर केस की साजिश देश में हुए कत्ल की सबसे गहरी साजिश में से एक थी। 15-16 मई, 2008 की रात आरुषि और हेमराज को किसने मारा, ये पुलिस से लेकर सीबीआई तक पता नहीं लगा पाई। ऐसे में सच उगलवाने के लिए आरुषि के मां-बाप और घरेलू नौकरों को भी नार्को टेस्ट से गुजारा गया। आरोपियों की फेहरिस्त में आरुषि की मां नूपुर तलवार और पिता राजेश तलवार को गाजियाबाद की विशेष CBI अदालत ने दोषी करार देते हुए वर्ष 2013 उम्र कैद की भी सजा सुनवाई। वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच में कई खामियों को जिक्र करते हुए आरुषि-हेमराज मर्डर में वर्ष, 2017 में राजेश और नूपुर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

गैंगस्टर अबु सलेम का नार्को टेस्ट

अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर अबु सलेम को पुर्तगाल से डिर्पोट कर भारत लाया गया था। अंडरवर्ल्ड की अंदर की हर खबर उसके दिल और दिमाग में कैद थी। वह मुंह से इसके बारे में कुछ बोल नहीं रहा था, इसलिए नार्को टेस्ट के जरिए अबु सलेम के दिमाग में भी झांकने का फैसला किया गया। पर वो इतना शातिर था कि नार्को टेस्ट के दौरान एक सवाल के जवाब में वो बाकायदा गाना गाने लगा था।

सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर का नार्को टेस्ट

निठारी कांड का गुनहगार सुरेंद्र कोली और उसका मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर होशो हवास में अलग-अलग कहानियां सुना रहे थे। दोनों के नार्को टेस्ट का फैसला किया गया। वे दोनों भी नार्को टेस्ट से गुजरे थे। इसी टेस्ट से पता चला था कि निठारी का असली गुनहगार सुरेंद्र कोली था, हालांकि एक कत्ल के बारे में पंढेर को भी पता था।

आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट, पूछे गए ये सवाल

दिल्ली के भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 1 दिसंबर की सुबह आफताब का नार्को टेस्ट किया गया। जो करीब दो घंटे तक चला। इस टेस्ट के दौरान आफताब हर उस सवाल से गुजरा, जिसके जवाब श्रद्धा मर्डर केस की मिस्ट्री को सुलझा सकते हैं। मनोवैज्ञानिकों की एक टीम के साथ मिलकर केस के जांच अधिकारी और आला पुलिस अफसरों ने इन सवालों के अलावा बाकी सवालों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार की थी। लेकिन कुल मिलाकर जिन सवालों पर पुलिस का ज्यादा जोर था, वो सवाल सीधे सबूतों से जुड़े हैं। जैसे श्रद्धा की लाश के टुकड़े या हड्डियां कहां-कहां हो सकती हैं? कहां कहां उसने फेंके? श्रद्धा के मोबाइल कपड़े कत्ल और करते और लाश के टुकड़े करते हुए खुद के पहने कपड़े कहां छुपाए?

इस टेस्ट के जरिए पुलिस ने खास तौर पर जो सवाल आफताब से पूछे, वो सवाल ये हैं-

- श्रद्धा का कत्ल किस तारीख को किया?
- श्रद्धा को क्यों मारा?
- श्रद्धा को कैसे मारा?
- लाश के टुकडे कैसे किए?
- टुकड़े करने के लिए हथियार कहां से खरीदे?
- टुकड़े को घर में कितना वक्त तक रखा?
- टुकड़े को कैसे और कहां रखा?
- लाश के टुकड़े को कहां-कहां ठिकाने लगाए?
- कत्ल में इस्तेमाल किया हथियार कहां फेंके?
- कत्ल के बाद 6 महीने तक क्या कुछ किया?
- अगर कत्ल गुस्से में और गलती से किया तो तभी पुलिस के सामने सरेंडर क्यों नहीं किया?

श्रद्धा मर्डर केस की सबसे कमजोर बात ये है कि इस केस में एक भी चश्मदीद गवाह नहीं है। यानी अब जो कुछ है या पुलिस को जो कुछ करना है वो सिर्फ और सिर्फ चंद इंसानी हड्डियों, चंद खून के कतरे और आफताब के बदलते बयानों को सामने रख कर ही करना है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि नार्को टेस्ट के दौरान आफताब कुछ ऐसे सुराग या सबूत उगल दे, जिससे उसका बच पाना नामुकिन हो जाए।