
महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र को लेकर भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए थे, जिसके चलते शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। अब हालात सामान्य होने पर पुलिस ने कर्फ्यू हटाना शुरू कर दिया है और हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है।
प्रशासन ने दंगों के मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान के संजय बाग कॉलोनी स्थित घर का अवैध हिस्सा ध्वस्त कर दिया है। घर की माप-जोख के बाद बुलडोजर से अवैध निर्माण गिराया गया, जिसके दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
फहीम खान पर आरोप है कि उसने भीड़ को भड़काकर हिंसा को अंजाम दिया था। कोर्ट ने उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। वह माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुका है।
फहीम खान पर भीड़ को उकसाने का आरोप नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान पर भीड़ को उकसाने और दंगा भड़काने का आरोप लगा है। मामला उस समय शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महल गांधीगेट इलाके में औरंगजेब की तस्वीर और उसकी प्रतीकात्मक कब्र को जलाया। आरोप है कि जलाई गई शीट पर धार्मिक शब्द लिखे हुए थे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के बाद, अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष फहीम खान शमीम खान ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली हरकत बताया। उन्होंने इस मुद्दे पर लोगों को भड़काया और दंगा भड़काने के लिए उकसाया। इसके बाद, फहीम खान समर्थकों के साथ गणेशपेठ पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां उनके पीछे करीब 40-50 लोगों की भीड़ थी।
फहीम खान ने पुलिस को एक लिखित शिकायत सौंपकर धार्मिक सामग्री जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें आश्वासन देकर वापस भेज दिया था, लेकिन इसके बाद शहर में हिंसा भड़क उठी।