ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी करने के बाद घिरे दिलीप घोष, बीजेपी अध्यक्ष ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक नोटिस जारी कर बंगाल भाजपा नेता दिलीप घोष से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी पर स्पष्टीकरण मांगा है। भाजपा ने पत्र लिखकर कहा है कि दिलीप घोष की टिप्पणी अशोभनीय, असंसदीय और पार्टी की परंपरा के खिलाफ है। एएनआई ने बताया कि पार्टी इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है।

नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिलीप घोष ने संवाददाताओं से कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उन्हें अपने बयान पर विवाद का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मैं उन लोगों के सामने बोलता हूं जो अन्याय करते हैं।

ममता बनर्जी पर की गई दिलीप घोष की टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पलटवार करते हुए कहा कि यह टिप्पणी भाजपा के डीएनए को दर्शाती है। टीएमसी ने इस वीडियो को लेकर घोष के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन किया है।

भाजपा नेता ने कहा, पार्टी समेत कई लोगों ने कहा कि मैंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, अगर ऐसा है तो मैं इस पर दुख व्यक्त करता हूं...मैं नोटिस का आधिकारिक जवाब दूंगा।

दुर्गापुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, भाजपा सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी जहां भी जाती हैं, वह खुद को उस राज्य की बेटी कहती हैं, और उन्हें अपने पिता की पहचान करनी चाहिए।

चुनाव संहिता के तहत धारा का हवाला देते हुए, जिसमें कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए या ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जो किसी व्यक्ति के निजी जीवन पर हमला हो या ऐसे बयान जो दुर्भावनापूर्ण हों या शालीनता और नैतिकता को ठेस पहुंचाएं। टीएमसी ने चुनाव आयोग से दिलीप घोष के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया।

पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने घोष से माफी की मांग की और कहा कि यह टिप्पणियां भाजपा के डीएनए को दर्शाती हैं।

शशि पांजा ने कहा, ‘‘उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए। यह टिप्पणियां भाजपा खेमे के डीएनए को दर्शाती हैं, जिससे भाजपा की स्त्रीद्वेषी मानसिकता की बू आती है। निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। ’’

टीएमसी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिलीप घोष राजनीतिक नेतृत्व के नाम पर कलंक हैं! मां दुर्गा की वंशावली को चुनौती देने से लेकर अब श्रीमती ममता बनर्जी की वंशावली पर सवाल उठाने तक। वह नैतिक दिवालियापन की सबसे गंदी गहराइयों में डूब गए हैं। एक बात बिल्कुल स्पष्ट है: घोष के मन में बंगाल की महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है, चाहे वह हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित देवी हों या भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हों।’’