पाकिस्तान : ईशनिंदा के आरोप में मुस्लिम युवक को कोर्ट ने सुना डाली मौत की सजा, लगाया सवा दो लाख का जुर्माना

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लयाह जिले के रहने वाले अमीन को कुछ साल पहले ईशनिंदा मामले में गिरफ्तार किया गया था। अमीन के पड़ोसी ने उसके खिलाफ यह आरोप लगाए थे। इस मामले में लयाह की एक जिला और सत्र अदालत ने अमीन को मौत की सजा सुनाई और उस पर 5,00,000 पाकिस्तानी रुपये (3,085 डॉलर) का जुर्माना भी लगाया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हसनैन रजा ने अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान के आधार पर अमीन को मौत की सजा सुनाई। इस महीने की शुरुआत में, लाहौर उच्च न्यायालय ने एक ईसाई व्यक्ति को एक दुर्लभ फैसले में ईशनिंदा के आरोप में सुनाई गई मौत की सजा को खारिज कर दिया था।

कोर्ट ने व्यक्ति को बरी करने का फैसला सुनाया। दरअसल, पेशे से सफाईकर्मी इस व्यक्ति को 2013 में ईशनिंदा के आरोप में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी और वह पिछले छह सालों से जेल में सजा काट रहा था।

दरअसल, उस दौरान कथित ईशनिंदा की खबर ने विरोध प्रदर्शनों को हवा दे दी थी और एक भीड़ ने लाहौर के जोसेफ कॉलोनी में 100 से अधिक ईसाई घरों को आग लगा दी। आसिया बीबी के बाद यह ईशनिंदा का दूसरा ऐसा मामला था जिसमें एक ईसाई को बरी किया गया।

ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है। आरोप सिद्ध होने से पहले ही यहां इस मुद्दे को लेकर भीड़ हिंसा तक हो जाती है। अधिकार समूहों ने कहा है कि ईशनिंदा कानून को नियमित रूप से प्रतिशोध लेने के लिए दुरुपयोग किया जाता है।