मुंबई बिल्डिंग हादसा : अबतक 13 की मौत, मलबे में अभी भी फंसे हैं कई लोग

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के डोंगरी इलाके में कल एक 100 साल पुरानी 4 मंजिला इमारत अचानक से ढह गई। इस हादसे से मलबे में दबकर अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। ऐसे में मृतकों का आकड़ा बढ़ भी सकता है। मरने वालों में एक 18 महीने का बच्चा और चार महिलाएं शामिल हैं वही अभी तक 1 बच्चे सहित 9 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है। उन्हें इलाज के लिए जेजे अस्पताल पहुंचाया गया है। हादसे वाले जगह रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। यह हादसा कल सुबह 11:40 बजे के करीब हुआ। इस ईमारत का नाम कैसरबाई मेंशन और इसमें 15 परिवार रहते थे। बता दे, इस ईमारत का एक बड़ा हिस्सा 100 साल पुराना था जबकि धराशाई हुआ हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया था। बीएमसी ने इस जर्जर इमारत की मरम्मत की चेतावनी भी दी थी। बीएमसी, फायर ब्रिगेड, पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्य में लगे हुए है। एक अनुमान के मुताबिक, 55 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

बीएमसी के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की पहचान साबिया निसार शेख (25), सायरा रेहान शेख (25), के। अमीराजान (13), सना सलमानी (25), जुबैर सलमानी (20), अब्दुल सत्तार कालू शेख (55), मुजम्मिल मंसूर सलमानी (15), जावेद इस्माइल (34), अरहान शहजाद (40), इब्राहीम (डेढ़ साल) के रूप में हुई है।

राष्ट्रपति ने जताया दुख

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुंबई हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि लोगों की मौत के बारे में जानकर दुखी हूं। पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी संवेदना और घायलों को जल्द से स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी- सीएम फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की जांच का आदेश दिया है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि इस इमारत को रीडेवलपमेंट की इजाजात दी गई थी जिस पर काम शुरु नहीं हुआ था। अभी प्राथमिकता लोगों की बाहर निकालने की है जिसके बाद आपराधिक कार्रवाई होगी।

विपक्षी दल उठा रहे है सवाल

विपक्षी दलों ने हादसे के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने दोषी पाए जाने वालों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस बीच, एक आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने बताया, 'बृहनमुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने बांबे हाई कोर्ट के निर्देश पर जर्जर इमारतों की सूची तैयार की थी। स्तब्ध करने वाली बात है कि इस सूची में केसरबाई इमारत का दूर दूर तक नाम नहीं है।'

बता दे, संकरी गली होने के कारण एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां हादसे की जगह पर नहीं पहुंच पा रही है। लोग यहां ‘ह्यूमन चेन’ बनाकर मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे है। प्रशासन की मदद करने के लिए स्थानीय निवासी पूरी तरह से मदद जुट गए। मलबे से जो भी लोग निकाले गए, उन्हें हाथों-हाथों लोगों ने गली के बाहर खड़ी एन्बुलेंस तक पहुंचाया। जो घायलों को अस्पताल ले जाने में मदद कर रही हैं। बीएमसी की तरफ से जो शेल्टर खोला गया है, वहां पर भी घायलों को ले जाया जा रहा है। हादसा बड़ा है, इसलिए NDRF तीन टीमें मौके मौके पर मौजूद है।