सोनिया गांधी षडयंत्र से बेटे को दिलाना चाहती है गद्दी: MP के गृह मंत्री

किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'मुझे व्हाट्सएप आया कि कैकेई के बाद ऐसी कौन सी मां है जो षड्यंत्र पूर्वक अपने बेटे को गद्दी दिलाना चाहती है। वो बोला ताश की गड्डी में कितने पत्ते होते हैं, जवाब मिला 52, इस पार्टी के भी 52 सांसद हैं। हैरानी की बात यह है कि एक जोकर (पार्टी में) है।'

मिश्रा ने आगे कहा, 'मुझे एक व्हाट्सएप फॉरवर्ड मिला, जिसमें कहा गया था कि जापान में हर दिन स्कूल जाने वाले बच्चे को लेने के लिए ट्रेन रुकती है। वे नहीं जानते कि भारत में एक पार्टी एक बच्चे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम कर रही है।'

कृषि कानूनों पर गलतफहमी पैदा करने का लगाया आरोप

इतना ही नहीं मिश्रा ने कांग्रेस पर कृषि कानूनों को लेकर गलतफहमी पैदा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में विरोध क्यों हो रहा है? अगर पुराने कृषि नियम सही होते, तो इतने सालों तक भी किसानों पर कर्ज नहीं होता। नया कृषि कानून किसानों के उत्थान के लिए है।' उन्होंने कहा, 'ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस के लोग भूख हड़ताल पर जाएंगे। ये लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। यह पार्टी भारत के लोगों के खिलाफ है। वे हर आंदोलन के दौरान गलतफहमी पैदा करते हैं।'

हिंदू पौराणिक महाकाव्य रामायण में अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियों में से एक थीं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा दशरथ ने अपने ज्येष्ठ पुत्र राम को राजा चुना था, जिनकी माता कौशल्या थी। लेकिन कैकेयी ने मांग की था कि राम को 14 साल के लिए वनवास पर भेज दिया जाए और उनके बेटे भरत को राजा बनाया जाना चाहिए।

कमलनाथ सरकार गिराने में मोदी जी का था अहम रोल

उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधार को कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने में अगर किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो वो नरेंद्र मोदी की थी। अपने भाषण के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ''जब तक कमलनाथ जी की सरकार थी, एक दिन चैन से सोने नहीं दिया। अगर भाजपा का कोई कार्यकर्ता था कमलनाथ जी को सपने में भी जो दिखाई देता था वो नरोत्तम मिश्रा जी थे। तालियां बजाकर नरोत्तम मिश्रा जी का स्वागत करें। ये पर्दे के पीछे की बात कर रहा हूं आप किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताई, पहली बार इस मंच पर बता रहा हूं कि कमलनाथ जी की सरकार गिराने में यदि महत्वपूर्ण भूमिका किसी की थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी। पर किसी को बताना मत ये बात, आज तक मैने किसी को नहीं बताई।'

आपको बता दे, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु, टिकरी, कुंडली, गाजीपुर समेत सभी बॉर्डरों पर पिछले 22 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं। इन किसानों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब के किसानों की हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है, जिस पर आज सुनवाई होने वाली है। पिटीशनर्स का कहना है कि आंदोलन के चलते रास्ते जाम होने से जनता परेशान है और कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। कुछ पिटीशनर्स ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग भी की है।