किसानों को मोदी की सौगात, अब ऐप के जरिए किराए पर मंगा सकेंगे ट्रैक्‍टर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में जारी मंदी का जिम्मेदार Ola, Uber को ठहराया। वित्त मंत्री ने कहा लोग अब खुद का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला और उबर जैसी आनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाताओं के जरिये वाहनों की बुकिंग को तरजीह दे रहे हैं। वही दूसरी तरफ मोदी सरकार के कृषि मंत्रालय ने हाल ही में एक ऐसा ऐप लॉन्‍च किया है जो ओला और उबर की तरह काम कर रहा है। इस खास ऐप से किसान अब ओला-उबर की तर्ज पर खेती के लिए ट्रैक्टर समेत अन्‍य उपकरण मंगा सकते हैं। तो आइए विस्तार से जानते है इस ऐप के बारें में...

कृषि मंत्रालय की ओर से किसानों के लिए 'CHC Farm Machinery' ऐप लॉन्‍च किया गया है। इस ऐप को गूगल प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह ऐप अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, नेपाली, कन्‍नड, मराठी, बंगाली समेत 12 अलग-अलग लैंग्‍वेज में मौजूद है। इस ऐप की मदद से किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर्स (CHCs) के जरिए खेती से जुड़ी मशीन मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए 35 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर्स देशभर में बनाए जा चुके हैं, जिनकी क्षमता 25 लाख कृषि उपकरण सालाना किराये पर देने की है।

कैसे काम करती है ऐप?

इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपको लैंग्‍वेज सेलेक्‍ट करना होगा। इसके अगले स्‍टेप में आपको दो कैटेगरी- CHC/ सर्विस प्रोवाइडर और किसान/उपयोगकर्ता दिखेंगे। इसमें किसान/उपयोगकर्ता कैटेगरी को सेलेक्‍टर कर रजिस्‍ट्रेशन करना होगा।

इसके लिए किसान को नाम, पता और मोबाइल नंबर समेत अन्‍य जरूरी जानकारियां देनी होगी। इसके बाद के स्‍टेप में डैशबोर्ड खुल जाएगा। इस डैशबोर्ड में 'कृषि यंत्र की बुकिंग' समेत 7 अलग-अलग कैटेगरी है। 'कृषि यंत्र की बुकिंग' की कैटेगरी को सेलेक्‍ट करने के बाद एक नया पेज ओपन होगा। इस पेज पर आपको कृषि यंत्र का चयन करना होगा। मतलब आपको बताना होगा कि खेती के लिए कौन सा उपकरण चाहिए। इसमें आपको ट्रैक्‍टर, ट्रेलर, हैप्‍पी सीड, थ्रेसर समेत 25 से ज्‍यादा उपकरण मौजूद है। इन उपकरणों में से किसी को भी सेलेक्‍ट कर सकते हैं। यहां बता दें कि ऐप में एक से अधिक उपकरण का भी चयन किया जा सकता है। इसके अलावा यह जानकारी भी देनी होगी कि उपकरण या मशीन आपको कितने दिन के लिए चाहिए। वहीं फसल, गांव समेत अन्‍य जरूरी जानकारियां भी देना अनिवार्य है। यह सभी जानकारियां देने के बाद आपको बुकिंग का बटन दिखेगा। इसे क्‍लिक करने के बाद आप बुक किए गए मशीन या उपकरण के किराए से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। यहां बता दें कि यह सुविधा खेती के इलाके से 50 किलोमीटर के भीतर कस्टम हायरिंग सेंटर्स होने की स्थिति में ही मिलेगी।