मोदी कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले, PM Wi-Fi को मिली मंजूरी

कृषि कानून पर किसानों के जारी आंदोलन के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और संतोष गंगवार ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में 6 करोड़ रोजगार थे जो अब बढ़कर 10 करोड़ रोजगार मिल चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश, असम के दो जिलों में USOF योजना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि देश में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लागू की जाएगी, जिसके तहत कुल 2020-2023 तक 22 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के तहत करीब 58।5 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। मार्च 2020 से अगले साल तक जो लोग नौकरी पर लग रहे हैं, इनका EPF अंशदान सरकार की ओर से दिया जाएगा। जिस कंपनी में 1000 से कम कर्मचारी हैं उनका 24 फीसदी EPF अंशदान सरकार देगी। इस योजना के तहत हमने उन कर्मचारियों को चुना हैं, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है। इस योजना के माध्यम से हम गरीब कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताने का काम करते हैं।

PM Wi-Fi को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, देश में वाई-फाई की क्रांति लाने के लिए सरकार देश में 1 करोड़ डाटा सेंटर खोलेगी। इस योजना को पीएम-पब्लिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) नाम है। इस योजना के तहत सरकार पब्लिक डाटा ऑफिस (PDO) खोलेगी, इसके लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। किसी भी मौजूदा दुकान को डाटा ऑफिस में बदला जाएगा। सरकार की ओर से डाटा ऑफिस, डाटा एग्रिगेटर, ऐप सिस्टम के लिए 7 दिनों में सेंटर खोलने की इजाजत दी जाएगी।

प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट ने कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। प्रसाद ने बताया कि लक्षद्वीप के 11 आईलैंड्स के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम होगा, जिसमें 1,072 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा नॉर्थ-ईस्ट में 4जी कनेक्टिविटी से वंचित क्षेत्र में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर भी फैसला लिया गया है।