राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन के बाद कांग्रेसी विधायकों में दिखी नाराजगी, विधायक दयाराम परमार ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिख किया सवाल

राजस्थान में बीते दिन मंत्रिमंडल विस्तार हुआ जिसमें कई बदलाव करते हुए नए मंत्री चुने गए। लेकिन इस मंत्रिमंडल गठन के बाद ही कांग्रेसी विधायकों में नाराजगी देखने को मिल रही है। इसमें सबसे बड़ा नाम उदयपुर से खेरवाड़ा के विधायक दयाराम परमार का सामने आ रहा हैं जिसने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिख उनसे इसके बारे में सवाल भी किया हैं। दयाराम परमार 6 बार के विधायक रहे हैं। अशोक गहलोत की 1998 और 2008 सरकार में परमार राज्यमंत्री रहे थे। मगर इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। 2018 विधानसभा चुनाव में परमार ने 26 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी। परमार 1965 में सरपंच बन गए थे।

लेटर में पूछा है कि मंत्री बनने के लिए क्या योग्यता जरूरी होती है, वह उन्हें बताएं। परमार ने पत्र लिखकर पूछा कि ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की जरूरत होती है। कृपया हमें बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलात क्या है? उसको हासिल करके भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके।

मीडिया बातचीत में परमार ने कहा कि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया इसका मुझे अफसोस नहीं। मगर बांसवाड़ा जिले से दो मंत्री बने हैं, और भी कई मंत्री हैं तो मुझे कम से कम यह तो बताया जाए कि मंत्री बनने की क्या योग्यता मुझ में नहीं हैं। ताकि मैं वो योग्यता हासिल कर अगली बार मंत्री बनने की कोशिश करूं। परमार ने कहा कि वनमंत्री सुखराम विश्नोई मेरे छात्र रहे हैं। वो मंत्री हैं, उन्हें मैने पढ़ाया है। तो अब बताइए कि ऐसी क्या योग्यता है जो मुझे मंत्री बनने के लिए हासिल करनी चाहिए।